गजा में जर्जर भवन में चल रहा पशुचिकित्सालय
संवाद सहयोगी, चंबा: पशुपालन विभाग जब खुद का भला नहीं कर सकता है तो फिर पशुपालकों का भला
संवाद सहयोगी, चंबा: पशुपालन विभाग जब खुद का भला नहीं कर सकता है तो फिर पशुपालकों का भला कैसे हो पाएगा। गजा स्थित पशु चिकित्सालय भवन व आवास जर्जर हालत में है और कभी भी ढह सकता है। इसके बावजूद विभाग इसकी सुध नही ले रहा है।
नगर क्षेत्र गजा स्थित पशु चिकित्सालय वर्ष 1965 में बना चिकित्सालय भवन व आवास जर्जर हो चुका है, जो कभी भी ढह सकता है बावजूद इसके चिकित्सालय इसी में संचालित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब विभाग अपना भला नहीं कर सकता है तो फिर वह पशुपालकों का भला कैसे कर पाएगा। गजा में पशुपालन विभाग के तीन भवन बने हैं। एक तीन कमरों का चिकित्सालय। एक पशुचिकित्साधिकारी आवास और दो कमरों का कर्मचारी आवास है। तीनों भवनों की स्थिति जर्जर है यह रहने लायक नही हैं। भवनों की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं छत का प्लास्टर उखड़ता जा रहा है। कर्मचारी जब कुर्सियों में बैठकर विभागीय काम करते हैं तो उस समय सिर के उपर छत का प्लास्टर गिरने का भय बना रहता है। बरसात में छत टपकती है। अस्पताल के अंदर सीलन इतनी ज्यादा है कि उससे कोई भी बीमार हो सकता है। अस्पताल में तीन लोग कार्यरत हैं, जिनमें एक चिकित्सक, एक फार्मेसिस्ट और कर्मचारी है।
प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद उनियाल, प्रधान गौंसारी मान ¨सह चौहान, राजवीर ¨सह, टंखी ¨सह, मनजीत ¨सह आदि का कहना है कि व्यवस्था सही बनाने के लिए विभाग को जल्द से जल्द नये भवन बनाने की कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने भवन निर्माण को लेकर विभागीय अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है। पशुचिकित्साधिकारी डॉ. आलोक कुड़ियाल का कहना है कि इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।