ऑलवेदर रोड को गंवाया रोजगार
संवाद सहयोगी, देवप्रयाग: ऑलवेदर रोड निर्माण में तेजी लाने के लिए अपनी दुकानों को ध्वस्त करन
संवाद सहयोगी, देवप्रयाग: ऑलवेदर रोड निर्माण में तेजी लाने के लिए अपनी दुकानों को ध्वस्त करने वाले दुकानदार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ठगा सा महसूस कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि ऑलवेदर रोड निर्माण के लिए उन्होंने अपने पचास वर्ष पुराना रोजगार तक खो दिया।
ऑलवेदर रोड के तहत देवप्रयाग बस स्टेशन की 10 से अधिक दुकानों को चिह्नित किया गया था। पचास वर्ष से अधिक समय से इन दुकानों से रोजी-रोटी चला रहे दुकानदारों ने शासन-प्रशासन से उन्हें मोहलत दिए जाने की गुहार लगाई गई थी। मगर ऑलवेदर रोड का काम देख रहे एनएचपीडब्ल्यूडी ने दुकानदारों को मोहलत के बजाय तत्काल दुकानें खाली करने की चेतावनी दे डाली। जेसीबी से दुकानों को तोड़े जाने के नुकसान से बचने के लिए चिह्नित दस से अधिक दुकानदारों ने स्वयं ही दुकानों को ध्वस्त कर दिया। दो अक्टूबर गांधी जयंती को की गई इस कार्रवाई से उन्हें जल्दी ऑलवेदर रोड निर्माण की उम्मीद बन गई थी। मगर 22 अक्टूबर को एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ऑलवेदर रोड निर्माण पर रोक लगा दी, जिससे वह ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हालांकि आगामी 15 नवंबर को सरकार की ओर से इस मामले में अपना पक्ष रखा जाना है। ऑलवेदर रोड निर्माण के बाद रोजगार को नए सिरे से बस स्टेशन पर शुरू करने की आस लगाए इन दुकानदारों को रोक के आदेश से खासा झटका लगा है। ऑलवेदर रोड निर्माण के तहत रोजगार गंवाने वाले दुकानदार वेद प्रकाश भट्ट, राजपाल सिंह, सुरेश बडोनी, अमन ¨सह, दिवाकर ¨सह, त्रिलोक ¨सह, सुनील प्रकाश, अजयप्रकाश भट्ट ,राजेंद्र ¨सह के अनुसार यदि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दुकानें खाली करने को कहा जाता, तो उन्हें वक्त से पहले रोजगार से हाथ नहीं धोना पड़ता।