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सिगोली जल विद्युत परियोजना की टरबाइन चालू

जनपद के अंतर्गत मंदाकिनी नदी पर बनाई गई 99 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना पर कार्य शुरू हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:09 AM (IST)
सिगोली जल विद्युत परियोजना की टरबाइन चालू
सिगोली जल विद्युत परियोजना की टरबाइन चालू

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जनपद के अंतर्गत मंदाकिनी नदी पर बनाई 99 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना सिगोली भटवाड़ी की टरबाइन ने काम करना शुरू कर दिया है। परियोजना पूरी तरह तैयार है। एक महीने के भीतर परियोजना से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा।

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केदारनाथ हाईवे पर मंदाकिनी नदी पर बनी इस परियोजना की टरबाइन सोमवार से घूमना शुरू हो गई हैं। सालाना 400 मिलियन यूनिट नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करने की क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट में एक महीने में उत्पादन शुरू हो जाएगा।

रुद्रप्रयाग शहर से 30 किमी दूर कुंड में जलग्रहण तालाब के बांध को 12 किमी लंबी हेडरेस सुरंग और 180-मीटर से अधिक गहरे सर्ज शैफ्ट से जोड़ा गया है। इस प्लांट में 33 मेगावाट वाले तीन-तीन वॉयथ टरबाइन जेनरेटर की इकाइयां हैं, जो उत्कृष्ट स्विचयार्ड से लैस हैं। नई सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजिशन (एससीएडीए) टेक्नोलॉजी से यह नियंत्रित है।

इस मौके पर लार्सेन एंड टुब्रो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रह्मण्यन ने कहा कि एलएंडटी ने एक बार फिर से दुर्गम भूभागों, मानसूनी लहरों, प्राकृतिक आपदाओं जैसी विकट मुश्किलों के बीच अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित किया है। गढ़वाल हिमालय में इस आधुनिक हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर प्लांट को सफलतापूर्वक शुरू किया है। बताया कि यह प्लांट दिन के दोनों अद्र्धांशों में से प्रत्येक में 2 घंटों का पीक डिमांड लोड भी उठाएगा, जिससे गैर-मानसूनी महीनों में भी राहत मिलेगी। साथ ही बिजली की अधिकतम मांग की पूर्ति भी की जाएगी। वेट कमिशनिग की प्रक्रिया बिना विद्युत उत्पादन के शुरूआती टरबाइन की मशीन घूमने और विद्युत की आपूर्ति के लिए ग्रिड के साथ सिक्रोनाइजेशन और विधिवत जांच के साथ शुरू हो गई है। ग्रिड सिक्रोनाइजेशन और ट्रांसमिशन लाइंस की चार्जिंग लगभग एक महीने में पूरी हो जाएगी। जबकि संयंत्र के उद्घाटन के साथ इसका समय तय है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में बीते पांच वर्षों में विद्युत ऊर्जा आवश्यकता के मामले में सबसे तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में से एक है। यह भविष्य में भी अपनी ऊर्जा आवश्यकता को बनाए रखेगा। सिगोली भटवाड़ी परियोजना से राज्य में बिजली के मामले में काफी हद तक आत्मनिर्भर होने में मदद मिलेगी।


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