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जिले में चाय बागान का मनेरगा में समायोजित होने होगा विरोध

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की ओर से संचालित जिले के विभिन्न स्थानों पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 06:23 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 06:23 PM (IST)
जिले में चाय बागान का मनेरगा में समायोजित होने होगा विरोध
जिले में चाय बागान का मनेरगा में समायोजित होने होगा विरोध

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की ओर से संचालित जिले के विभिन्न स्थानों पर संचालित चाय बागान को मनरेगा में समायोजित किए जाने का बागानों में कार्यरत श्रमिकों ने घोर विरोध किया है। श्रमिकों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए चाय बागान मनरेगा में समायोजित होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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जिले के जखोली व अगस्त्यमुनि में चाय विकास बोर्ड जखोली में एक हेक्टेयर, चौरा में छह हे. बमणगांव में दो हे. कपणिया में 2.5 हे. पुजार गांव में तीन हे. खलियाण में दो हे. कुंड में एक हे. सिरवाड़ी में दो हे. एवं नंदवाण गांव में दो हे. भूमि पर चाय का उत्पादन हो रहा है। वर्तमान समय में जखोली सहित अगस्त्यमुनि में 400 श्रमिक चाय विकास बोर्ड में मजदूरी से जुड़े हैं। इस मजदूरी से वह अपना व अपने परिवारों का पालन-पोषण करते आ रहे हैं। इनमें से अधिकतर श्रमिकों के परिवारों की स्थिति काफी दयनीय बनी है। प्रदेश सरकार की ओर से चाय विकास बोर्ड को मनरेगा में समायोजित करने की कार्रवाई चल रही है। यदि ऐसा हुआ तो उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो जाएगा। जखोली में कार्यरत श्रमिक गंगाराम मैठाणी, संदीप कैंतुरा, विनोद प्रसाद, रेखा देवी, ऊषा देवी, संतोषी देवी समेत कई श्रमिकों का कहना है कि चाय विकास बोर्ड में मनरेगा में शामिल होने श्रमिकों का अहित किया जा रहा है। जिससे मनरेगा में मजदूरी की दर काफी कम है।


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