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केदारनाथ मंदिर परिसर से पूरी तरह से हटाई गई बर्फ, नौ मई को खुलेंगे कपाट

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के 30 श्रमिकों ने मंदिर के मुख्य परिसर और मंदिर के सामने वाले पैदल मार्ग से बर्फ पूरी तरह हटा दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 11:04 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 08:08 PM (IST)
केदारनाथ मंदिर परिसर से पूरी तरह से हटाई गई बर्फ, नौ मई को खुलेंगे कपाट
केदारनाथ मंदिर परिसर से पूरी तरह से हटाई गई बर्फ, नौ मई को खुलेंगे कपाट

रुद्रप्रयाग, रविंद्र कप्रवान। केदारपुरी में व्यवस्थाएं तेजी से पटरी पर लौट रही हैं। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के 30 श्रमिकों ने मंदिर के मुख्य परिसर और मंदिर के सामने वाले पैदल मार्ग से बर्फ पूरी तरह हटा दी है। इससे अब बाबा केदार के दर्शनों को आने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। केदारनाथ धाम के कपाट नौ मई सुबह 5.35 बजे खोले जाएंगे।

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केदारपुरी में मंदिर समिति की 43-सदस्यीय टीम गत 19 अप्रैल से यात्रा तैयारियों में जुटी हुई है। मंदिर परिसर में विद्युत आपूर्ति सुचारू करने के साथ ही पेयजल आपूर्ति भी बहाल हो चुकी है। शनिवार तक मंदिर परिसर के सामने लगभग 1400 वर्ग मीटर क्षेत्र और मंदिर के आगे पैदल मार्ग से बर्फ पूरी तरह हटाई जा चुकी थी। इस कार्य में 15 दिन का समय लगा। हालांकि, अभी भी केदारपुरी का अधिकांश हिस्सा बर्फ से आच्छादित है और वहां तीन से चार फीट बर्फ मौजूद है। बावजूद इसके मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने दावा किया कि यात्रा शुरू होने से पूर्व धाम में सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी। इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है।

आठ मई से शुरू होगा बायोमीट्रिक पंजीकरण

केदारनाथ यात्रा के लिए यात्रियों का बायोमीट्रिक पंजीकरण आठ मई से विधिवत शुरू हो जाएगा। फाटा व सोनप्रयाग में पंजीकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा सोनप्रयाग में सत्यापन केंद्र भी खोला गया है। जिला पर्यटन अधिकारी पीके गौतम ने बताया कि शनिवार देर शाम पंजीकरण के लिए टीम सोनप्रयाग पहुंच गईं है।

गंगोत्री और केदारनाथ में मुफ्त वाईफाई सुविधा

इस बार केदारनाथ व गंगोत्री धाम में आने वाले यात्रियों को मोबाइल कनेक्टिविटी को लेकर अधिक परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। यात्रियों की सहूलियत को देखते हुए यहां स्थानीय जिला प्रशासन यात्रियों को मुफ्त वाई-फाई कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इसके लिए स्वान (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) के माध्यम से मोबाइल कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि यात्रा के दौरान मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या को देखते हुए गंगोत्री व केदारनाथ में मुफ्त वाई फाई सुविधा देने की तैयारी चल रही है।

चारधाम यात्रा के लिए पहला जत्था ऋषिकेश पहुंचा

अक्षय तृतीया पर्व पर सात मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इसके लिए यात्रियों का पहला जत्था हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) से शनिवार को ऋषिकेश पहुंच गया है। रविवार सुबह नौ बजे ऋषिकेश बस टर्मिनल कंपाउंड से चार बस यात्रा के लिए श्रद्धालु रवाना होंगे। 

केदारपुरी में नजर आएगा स्वच्छ भारत मिशन' का अक्स

समुद्रतल से 3553 मीटर (11654 फीट) की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में इस बार स्वच्छ भारत मिशन का अक्स नजर आएगा। इसके लिए यात्रा प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। इसके तहत धाम में पॉलीथिन का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। लिहाजा इस बार धाम में बर्फबारी व बारिश से बचने के लिए यात्री पॉलीथिन से बनी बरसाती का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। इसकी जगह उन्हें किराये पर रेनकोट उपलब्ध कराए जाएंगे। अलबत्ता, प्लास्टिक की बोतलों व चिप्स के पैकेट पर प्रशासन ने फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया है।

पर्यावरण की दृष्टि से अतिसंवेदनशील केदारनाथ धाम में प्रशासन स्वच्छता मिशन पर विशेष ध्यान दे रहा है। इसके लिए स्थानीय व्यापारियों, विभागीय कर्मचारियों व देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। जबकि, पैदल मार्ग में सौ मीटर के फासले पर कूड़ा निस्तारण के लिए कूड़ादान मौजूद रहेंगे। पर्याप्त संख्या में शौचालयों के निर्माण के साथ ही कूड़ा निस्तारण के भी पुख्ता इंतजाम होंगे। हालांकि, प्रशासन पहले प्लास्टिक की बोतल व चिप्स के पैकेट को भी प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहा था, लेकिन पैदल मार्ग समेत केदारपुरी में इनकी उपयोगिता को देखते हुए फिलहाल यह विचार त्याग दिया गया। अब प्लास्टिक की खाली बोतल व चिप्स के पैकेटों को एकत्रित कर गौरीकुंड लाया जाएगा। यहां से इन्हें रिसाइकिङ्क्षलग के लिए भेजा जाएगा।

इसके अलावा बर्फबारी व बारिश से बचने के लिए प्रयोग होने वाली पॉलीथिन की बरसाती का भी उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। यात्रा सीजन के दौरान हर साल पॉलीथिन की चार लाख से अधिक बरसाती बेची जाती हैं, जो केदारनाथ समेत पैदल मार्ग पर प्रदूषण का मुख्य कारण बनती हैं। लेकिन, इस बार व्यापारी पॉलीथिन से बनी बरसाती के साथ ही पॉलीथिन की अन्य सामग्री भी नहीं बेच पाएंगे। किसी भी व्यक्ति के पास प्लास्टिक पाए जाने पर उससे जुर्माना वसूला जाएगा।

यात्रियों को किराये पर 30 रुपये में मिलेगा रेनकोट

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बरसाती पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बाद प्रशासन के सहयोग से गौरीकुंड में व्यापारियों ने ईको डेवलपमेंट सोसाइटी का गठन किया है। इसमें गौरीकुंड ग्रामसभा के नौ सदस्य शामिल हैं। यह समिति सात हजार रेनकोट खरीदेगी, जिन्हें 30 रुपये प्रति रेनकोट के हिसाब से यात्रियों को किराये पर दिया जाएगा। इससे जहां केदारपुरी साफ-सुधरी रहेगी, वहीं पर्यावरण को भी नुकसान से बचाया जा सकेगा।

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