रुद्रप्रयाग में गिरी स्कूल की छत, बाल-बाल बचे 40 बच्चे
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : मानसून से मिले जख्मों पर सिस्टम मानो नमक छिड़क रहा है। तमाम प्रयासों
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : मानसून से मिले जख्मों पर सिस्टम मानो नमक छिड़क रहा है। तमाम प्रयासों के बावजूद सिस्टम जर्जर विद्यालयों की सुध नहीं ले रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को रुद्रप्रयाग के एक प्राथमिक स्कूल के कमरे की छत की बीम नीचे गिर गई। शुक्र यह रहा कि बच्चे कक्षा में नहीं, बरामदे में बैठे थे। हादसे के वक्त वहां 40 से ज्यादा छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
अगस्त्यमुनि ब्लाक में क्यार्क बरसूड़ी प्राथमिक विद्यालय का भवन काफी जर्जर हो चुका है। यह स्थिति करीब पांच साल से है। यहां तैनात शिक्षक दीपक भट्ट ने बताया कि बरसात में वह बच्चों को कक्षाओं में बिठाने की बजाए बरामदे में बिठाकर पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय की छत लगातार टपक रही थी, जिससे खतरा बना हुआ था, इसकी पहले भी अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी थी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को रोज की भांति वह बरामदे में बच्चों को पढ़ा रहे थे कि दिन में करीब 11 बजे कमरे से तेज आवाज आई। इससे बच्चे भी भयभीत हो गए। भीतर देखा तो छत का बीम धराशायी हो चुका था।
गौरतलब है कि इस विद्यालय की दुर्दशा पर जागरण 28 जुलाई के अंक में खबर भी प्रकाशित कर चुका है। इसके बाद आपदा प्रबंधन के दल ने स्कूल का जायजा भी लिया।
----------------
जिले में 27 स्कूलों का हाल खराब
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि जिले में 13 स्कूल ऐसे हैं, जिनके पुनर्निर्माण की जरूरत है, जबकि 14 में मरम्मत कार्य कराया जाना है। उन्होंने बताया कि शासन को इस आशय का प्रस्ताव भेजा गया है। बजट स्वीकृत होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। डीएम ने बताया कि फिलहाल शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को जर्जर स्कूलों में न पढ़ाएं। इसकी बजाए पंचायत घर या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करें।