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रामबाड़ा आपदा पीड़ितों ने प्रशासन से मदद की लगाई गुहार

संवाद सूत्र, ऊखीमठ : रामबाडा, घिनुरपानी एवं गरुड़चट्टंी के नजूल भूमि आपदा प्रभावित पट्टेंधारक

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 07:10 PM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 07:10 PM (IST)
रामबाड़ा आपदा पीड़ितों ने प्रशासन से मदद की लगाई गुहार

संवाद सूत्र, ऊखीमठ : रामबाडा, घिनुरपानी एवं गरुड़चट्टंी के नजूल भूमि आपदा प्रभावित पट्टेंधारकों ने सरकार से यात्रा मार्ग पर व्यवसाय हेतु भूमि आवंटित करने की मांग की है। प्रभावितों ने मांग नहीं माने जाने पर गौरीकुंड हाईवे को जाम करने की चेतावनी दी है। इस संबंध में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है।

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शुक्रवार को आयोजित बैठक में रामबाडा से गरुड़चट्टंी केदारनाथ पैदल मार्ग के आपदा पीड़ित व्यापारियों ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर विभिन्न स्थानों में दुकान व्यवसाय के लिए प्रशासन से अनुमति देने की मांग की है। कहा है कि यदि लॉटरी प्रक्रिया में पटटेधारकों को शामिल नहीं किया जाता है, तो उन्हें मजबूरन गौरीकुंड हाईवे को जाम कर अपनी मांग को रखना पड़ेगा। वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा से प्रभावित पट्टेंधारकों को व्यवसाय हेतु भूमि प्रशासन ने अब तक नहीं दी है। बैठक में निर्णय लिया गया कि अपनी मांग को सही मंच पर रखने के लिए रामबाडा, घिनुरपानी व गरुड़चट्टंी के नजूल भूमि पट्टंाधारकों की संघर्ष समिति बनाई जाए, जिस पर सभी ने सहमति जताई और संयुक्त कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष संदीप ¨सह पुष्पाण, उपाध्यक्ष विजेंद्र ¨सह, सचिव पवन ¨सह राणा, कोषाध्यक्ष प्रहलाद ¨सह राणा, सह सचिव प्रेम ¨सह नेगी, संरक्षक भगत ¨सह पुष्पाण को बनाया गया। इसके अलावा गजपाल ¨सह, देवी शंकर त्रिवेदी, जसपाल ¨सह, विवेकानंद, मातबर ¨सह, अनूप ¨सह, दिलवर ¨सह, दिनेश ¨सह, मदन ¨सह, सुरेंद्र ¨सह व केशवानंद को सदस्यों में शामिल किया गया।


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