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परेशानी बढ़ा रहे बिना ई-पास यात्रा को पहुंच रहे तीर्थयात्री

सरकार की ओर से ई-पास के साथ ही चारधाम यात्रा की अनुमति दिए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में यात्री बिना ई-पास पहुंच रहे हैं जिससे पुलिस-प्रशासन की मुसीबत बढ़ रही है। वहीं तीर्थयात्री चेकिग बैरियरों पर रोके जाने पर दर्शन को जाने देने की जिद भी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:00 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:00 PM (IST)
परेशानी बढ़ा रहे बिना ई-पास यात्रा को पहुंच रहे तीर्थयात्री
परेशानी बढ़ा रहे बिना ई-पास यात्रा को पहुंच रहे तीर्थयात्री

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकार की ओर से ई-पास के साथ ही चारधाम यात्रा की अनुमति दिए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में यात्री बिना ई-पास पहुंच रहे हैं, जिससे पुलिस-प्रशासन की मुसीबत बढ़ रही है। वहीं तीर्थयात्री चेकिग बैरियरों पर रोके जाने पर दर्शन को जाने देने की जिद भी कर रहे हैं।

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केदारनाथ के लिए केवल 800 यात्रियों को ही प्रतिदिन दर्शन की अनुमति है, लेकिन बाबा के दर्शन के इच्छुक भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सरकार की ओर से ई-पास जारी होने के बाद ही दर्शनों की अनुमति जारी करने के बावजूद बाहरी राज्यों से यात्री बड़ी संख्या में केदारनाथ धाम जाने के लिए बिना ई पास पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में बिना ई-पास वाले यात्रियों को पुलिस अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक रही है। गुजरात के अहमदाबाद से 63 वर्षीय व्यापारी बनवारी पटेल परिवार के साथ बाबा के दर्शनों को आए थे, लेकिन उनके पास ई-पास नहीं था। इस पर पुलिस ने उन्हें सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। बिना ई-पास आने वालों में वो अकेले नहीं हैं, बल्कि बड़ी संख्या में यात्री बिना ई-पास आ रहे हैं। जो पुलिस-प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल का कहना है कि आठ सौ यात्रियों को ही जाने की अनुमति है। इसके ज्यादा यात्रियों को अनुमति नहीं दी जाएगी।

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ई-पास 2000 जारी करने की मांग

फाटा: टूरिस्ट आपरेटर्स ने सरकार से केदारनाथ दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या 800 के बजाय प्रतिदिन 2000 करने की मांग की है। कहा कि संख्या कम होने से होटलों की बुकिगों को भी रद कर दिया है, जिसका सीधा प्रभाव होटल और पर्यटन के क्षेत्र में काम करने वालों पर पड़ रहा है। श्री केदारधाम होटल एशोसिएशन केदारघाटी के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी और उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल ने बताया कि शासन की ओर से कोर्ट में उचित पैरवी न होने से सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जा रही है, जिसका प्रभाव चारधाम यात्रा पर आश्रित व्यवसायियों पर पड़ रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही तो शासन की ओर से यात्रा खोलने का कोई औचित्य नहीं रहेगा। कहा कि 2000 व्यक्तियों को कम से कम प्रतिदिन दर्शन की अनुमति दी जानी चाहिए।


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