Move to Jagran APP

केदारनाथ में गरुड़चट्टी के लिए स्थायी पुल अगले माह हो जाएगा तैयार, पढ़िए पूरी खबर

सरस्वती नदी पर गरुड़चट्टी को जोड़ने वाला स्थायी पुल तैयार होने वाला है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के अनुसार नवंबर तक पुल पर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 02:01 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 02:01 PM (IST)
केदारनाथ में गरुड़चट्टी के लिए स्थायी पुल अगले माह हो जाएगा तैयार, पढ़िए पूरी खबर

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ में सरस्वती नदी पर गरुड़चट्टी को जोड़ने वाला स्थायी पुल तैयार होने वाला है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के अनुसार नवंबर तक पुल पर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। अभी अस्थायी पुल का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

loksabha election banner

इन दिनों केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य को पूरा करने की दिशा में तेजी आई है। वजह यह कि सर्दियों में बर्फबारी के बीच निर्माण की रफ्तार मंद पड़ जाती है। जिलाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2013 में आपदा के दौरान सरस्वती नदी पर बना पुल बह गया था। इसके बाद यहां अस्थायी पुल का निर्माण कराया गया। अभी इसी पुल से आवाजाही हो रही है। केदारनाथ से गरुड़चट्टी की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर है। कभी केदारनाथ यात्रा का प्रमुख पड़ाव रहा गरुड़चट्टी अब वीरान है। दरअसल, आपदा के बाद पुराने मार्ग की जगह नया रास्ता बनाया गया।   

इसके अलावा भैरवनाथ मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर भी बन रहे पुल का निर्माण 80 फीसद तक पूरा हो गया है। जिलाधिकारी के अनुसार अगले यात्रा सीजन से पहले इस पुल का निर्माण भी पूरा हो जाएगा। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहायक अभियंता दीपचन्द्र नवानी ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया कि इन दोनों पुलों के बन जाने से बरसात में भी गरुड़चट्टी और भैरवनाथ मंदिर तक आवाजाही सुगम हो जाएगी। 

यह भी पढ़ें: भंडारीबाग आरओबी को शासन ने दी स्वीकृति, महापौर ने किया निरीक्षण Dehradun News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.