पांडव नृत्य में केदारनाथ यात्रा का चित्रण
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में चल रहे पांडव नृत्य
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में चल रहे पांडव नृत्य के 28 वें दिन पांडवों की केदारनाथ यात्रा का चित्रण किया। इस दौरान भोलेश्वर मंदिर में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एवं किमाणा गांव की धियाणियों ने पांडवों का आशीर्वाद लिया।
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में डंगवाडी, ब्राहमणखोली, प्रेमनगर, मस्तोली, उदयपुर, गांधीनगर एवं सरूणा गांव के संयुक्त तत्वावधान में 25 नवंबर से पांडव नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन बीस साल बाद किया जा रहा है। पांडवों के महाभारत युद्ध में सूर्य पुत्र कर्ण के वध के कारण पितृ दोष हो जाता है तथा वह कुष्ठ रोग से पीड़ित हो जाते हैं। इसके निवारण के लिए जब वह अपने कुलगुरू से अपना उपाय पूछते हैं, तो वह बताते हैं कि पृथ्वी लोक से गैंडा के मज्जा से ¨पडदान एवं श्राद्ध करना पड़ेगा। यही उनके दोष का निवारण है, जिसके बाद पांडवों की ओर से गैंडा वध के लिए अर्जुन को नियुक्त किया जाता है। वह पाताल लोक से गैंडा का वध करके लाते हैं, जिसके बाद त्रिवेणी संगम पर ¨पडदान किया गया। त्रिवेणी संगम से लाया गया जल शनिवार को किमाणा गांव स्थित भगवान भोलेश्वर को चढाया गया। पांडवों के जय-जयकार से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। भोलेश्वर मंदिर किमाणा में पूर्व विधायक आशा नौटियाल, शंभू प्रसाद, गो¨वदराम नौटियाल, विशंबर दत्त एवं रमेश नौटियाल ने सभी पांडव एवं भक्तों के लिए पांडव भोज का आयोजन किया। भोलेश्वर मंदिर में पुजारी शिवशंकर ¨लग एवं विश्वमोहन जमलोकी ने सभी पूजाएं संपन्न कराई गई। पांडव नृत्य का समापन 25 दिसंबर को होगा। इस अवसर पर मंदिर के महंत फलारी बाबा, नपं अध्यक्ष विजय राणा, रीता पुष्पाण, दर्शनी पंवार, लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, विजय मैठाणी, हर्ष जमलोकी, प्रमोद त्रिवेणी समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे।