भू-गर्भीय सर्वे के बाद ही होगी गौरीकुंड हाइवे पर स्लाइडिंग जोन की क¨टग
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संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: 76 किमी लंबे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे पर अवैज्ञानिक ढंग से हो रही कटिंग के चलते 30 से अधिक डेंजर जोन विकसित हो गए हैं। इसी को देखते हुए नेशनल हाइवे ने निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए हैं कि इन सभी स्लाइडिग जोन का भू-गर्भीय सर्वे कराया जाए। इसके तहत निर्माण एजेंसी डेंजर जोन का सर्वेक्षण कराएगी और इसी के आधार पर रोड क¨टग का कार्य होगा। विदित हो कि बीते वर्ष 21 दिसंबर को बांसवाड़ा में कटिंग के दौरान पूरी पहाड़ी ही दरक कर नीचे आ गई थी। इसमें आठ मजदूरों को जान गंवानी पड़ी।
चारधाम परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गो पर चिह्नित डेंजर जोन का भू-गर्भीय सर्वेक्षण किया जाना जरूरी है। इसी आधार पर निर्माण एजेंसी पहाड़ की क¨टग और इन स्थानों का तकनीकी विधि से स्थायी ट्रीटमेंट कर सकती है। वर्तमान में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर 30 से अधिक अति डेंजर जोन विकसित हो चुके हैं। जहां हर वक्त मलबा व बोल्डर गिरने का खतरा बना रहता है। गत 21 दिसंबर को हुआ हादसा इसका प्रमाण है। इसी को देखते हुए विभाग ने निर्माण एजेंसी को सभी स्लाइ¨डग जोन का भू-गर्भीय सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, एक महीना बीतने के बाद भी निर्माण एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट भू-गर्भीय सर्वेक्षण विभाग में समिट नहीं कराई गई है।
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रुद्रप्रयाग-तिलबाड़ा के बीच: नैल, भैसगांव, लोनिवि कॉलोनी के निकट व भटवाड़ीसैण
तिलबाड़ा-अगस्त्यमुनि के बीच: लीसा फैक्ट्री के पास, रामपुर, गंगतल महादेव व सिल्ली
अगस्त्यमुनि से कुंड के बीच: सौड़ी के पास, गबनी गांव, चंद्रापुरी, स्यालसौड़, बांसवाड़ा, भीरी के पास, कुंड व भीरी के बीच तीन जगह
कुंड से गुप्तकाशी के बीच: सेमी स्लाइडिंग जोन समेत तीन स्थानों पर
गुप्तकाशी से सोनप्रयाग के बीच: बड़ासू, चंडीका धार समेत पांच स्थानों पर
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'चारधाम विकास परियोजना के तहत गौरीकुंड हाइवे पर कार्य कर रही एजेंसियों को सभी डेंजर जोन का भू-गर्भीय सर्वेक्षण करने को कहा गया है। यह जरूरी भी है। निर्माण एजेंसी की ओर से सर्वे किया जा रहा है, लेकिन रिपोर्ट अभी जमा नहीं की गई है।'
-जितेंद्र त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता, नेशनल हाइवे, लोनिवि रुद्रप्रयाग