केदारनाथ में बिना आगणन के नमामि गंगे
केदारनाथ में बनने वाली किसी भी योजना का अभी तक सर्वे हुआ न आगणन ही तैयार हो पाया। इसके बाद वहां 'नमामि गंगे' का श्रीगणेश हो गया हो गया।
रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: 'नमामि गंगे' का भले ही औपचारिक श्रीगणेश हो गया हो, लेकिन केदारपुरी में बनने वाली किसी भी योजना का अभी तक सर्वे हुआ न आगणन ही तैयार हो पाया। जबकि, दिसंबर 2015 में केंद्रीय जल संस्थान मंत्रालय व दिल्ली की वैपकोस कंपनी के बीच हुए करार के अनुसार छह माह में सर्वे कार्य के साथ ही आगणन भी तैयार हो जाना चाहिए था। अब कंपनी के इंजीनियर कह रहे हैं कि डेढ़ माह के भीतर सर्वे कार्य पूरा कर योजनाओं का खाका तैयार कर लिया जाएगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'नमामि गंगे' की गुरुवार को देशभर में एक साथ शुरुआत हुई। यह गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने का अभियान है। केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद से ही नमामि गंगे पर जल संसाधन मंत्रालय कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री उमा भारती अधिकारियों के साथ दो बार केदारपुरी भी आ चुकी हैं। योजना के तहत जनपद में केदारनाथ व रुद्रप्रयाग का चयन किया गया है। लेकिन, हैरत देखिए कि केंद्र ने दिल्ली की जिस कंपनी वैपकोस को कार्यदायी संस्था का जिम्मा सौंपा है, उसके पास अभी तक केदारपुरी में संपादित होने वाले कार्यों की रूपरेखा तक नहीं है। इस संबंध में जब उद्घाटन के लिए गौरीकुंड पहुंचे कंपनी के इंजीनियरों से पूछा गया तो वह बगलें झांकते नजर आए।
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हां, उनका यह जरूर कहना था कि डेढ़ महीने के भीतर कंपनी के इंजीनियर क्षेत्र में सर्वे कर यह तय करेंगे कि योजना में किन-किन कार्यों को शामिल किया जाए। प्रथम चरण में केदारनाथ से लेकर गौरीकुंड, सोनप्रयाग व गुप्तकाशी के पास कुंड तक मंदाकिनी नदी का सर्वे किया जाएगा। पता लगाया जाएगा कि मंदाकिनी नदी को स्वच्छ बनाने के लिए क्या-क्या कार्य होने जरूरी हैं। इसके बाद उन्हें नमामि गंगे में शामिल कर आगणन तैयार किया जाएगा।
यह कार्य हैं प्रस्तावित
केदारनाथ में नमामि गंगे के तहत जो कार्य होने हैं, उनमें महिला व पुरुष शौचालय, कपड़े बदलने का कमरा, प्रवेश द्वार, छतरी, बैठने के लिए बेंच व जल-कल की व्यवस्था शामिल है।
प्रथम चरण में केदारनाथ से कुंड तक मंदाकिनी नदी का सर्वे किया जाएगा। इसमें डेढ़ महीना लग सकता है। इसके बाद कार्यों का आगणन तैयार किया जाएगा।
-राजेश कुमार, चीफ इंजीनियर, वैपकोस कंपनी, नमामि गंगे प्रोजेक्ट
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