मां हरियाली की डोली लौटी अपने ससुराल
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: मां हरियाली देवी की डोली मंगलवार को सूरज की पहली किरण के साथ कांठा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: मां हरियाली देवी की डोली मंगलवार को सूरज की पहली किरण के साथ कांठा मंदिर में पहुंची। जहां पुजारी ने मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर भोग लगाया। मंदिर में हवन करने के उपरांत मां हरियाली की डोली वापस ससुराल जसोली लौट आई।
प्रतिवर्ष धनतेरस पर शुरू होने वाली मां हरियाली देवी कांठा पैदल यात्रा गत सोमवार देर शाम जसोली स्थित हरियाली देवी मंदिर से शुरू हुई। इससे पूर्व विशेष पूजा अर्चना करने के उपरान्त मंदिर के गर्भगृह से हरियाली देवी की भोगमूर्ति को बाहर निकालकर डोली में सजाया गया। शाम लगभग सात बजे से मां हरियाली की डोली गाजे बाजों के साथ कांठा मंदिर के लिए रवाना हुई। इस दौरान दूर दराज क्षेत्रों से यात्रा में शामिल हुए भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। लगभग दस किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान मां हरियाली देवी की डोली ने अपने पहले पड़ाव बांसों में विश्राम किया। कुछ समय यहां पर ठहरने के बाद फिर से डोली अपने मायके के लिए चल पड़ी। मां हरियाली देवी की डोली को पंचरंग्या स्थान पर स्नान कराया गया। जैसे ही मां की डोली कांठा मंदिर के समीप पहुंची, वैसे ही मायके पक्ष के लोग डोली का नेतृत्व करने पहुंचे। मंगलवार को सूर्य की पहली किरण के साथ ही मां हरियाली की डोली अपने मायके कांठा मंदिर में पहुंची। इसके उपरान्त डोली ने मंदिर की एक परिक्रमा की। इसके बाद मंदिर के पुजारी ने मां की पूजा-अर्चना कर खीर का भोग लगाया। पुजारी ने यहां पर जौ, तिल व घी की आहुतियों से सूक्ष्म हवन भी किया। इसके बाद भक्तों को प्रसाद के रूप में पूरी व हलवा दिया गया। कुछ देर कांठा मंदिर में विश्राम करने के बाद मां हरियाली देवी वापस अपने ससुराल जसोली लौट आई।