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Kedarnath Dham Yatra केदारनाथ में पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम तेज, 29 अप्रैल को खुलेंगे धाम के कपाट

Kedarnath Dham Yatra केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। 150 श्रमिक मार्ग को दुरुस्त करने में जुटे हैं। 29 अप्रैल को धाम के कपाट खोले जाने हैं।

By Edited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 12:02 PM (IST)
Kedarnath Dham Yatra केदारनाथ में पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम तेज, 29 अप्रैल को खुलेंगे धाम के कपाट
Kedarnath Dham Yatra केदारनाथ में पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम तेज, 29 अप्रैल को खुलेंगे धाम के कपाट

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। 150 श्रमिक मार्ग को दुरुस्त करने में जुटे हैं। इसके लिए बीते रोज 32 श्रमिकों की एक टीम केदारनाथ पहुंची। यह दल केदारनाथ में बर्फ हटाएगी। 29 अप्रैल को धाम के कपाट खोले जाने हैं। ऐसे में प्रशासन का प्रयास है कि मार्ग पर 15 अप्रैल तक आवाजाही शुरू हो जाए।

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धाम के कपाट खुलने से पहले केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाना किसी चुनौती से कम नहीं है। केदारनाथ के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग है। अब तक करीब 13 किलोमीटर हिस्से से बर्फ हटा ली गई है। अभी तीन किलोमीटर रास्ते को साफ करना बाकी है।

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो का जिम्मा संभाल रही वुड स्टोन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि फरवरी के अंतिम सप्ताह से टीम मार्ग को दुरुस्त करने में जुटी है, लेकिन बीच-बीच में खराब मौसम के कारण इसमें बाधा पड़ती रही। मार्च के आरंभ में भारी बर्फबारी के कारण काम में जुटे श्रमिकों को वापस गौरीकुंड भेजना पड़ा। इसके बाद मार्च के अंतिम सप्ताह से काम दोबारा शुरू किया गया। प्रयास है कि 15 अप्रैल तक आवाजाही शुरू कर ली जाए।

उन्होंने बताया के केदारनाथ और लिनचोली के बीच दो किलोमीटर मार्ग में करीब 15 से 20 फीट ऊंचे हिमखंड हैं। उन्होंने बताया कि 32 सदस्यों की जो टीम केदारनाथ भेजी गई है वह केदारनाथ की ओर से मार्ग साफ करेगी, जबकि दूसरी टीम लिनचोली की ओर से आगे बढ़ेगी।

रुद्रप्रयाग जिले को मिले सात स्थाई चिकित्सक

जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए बीते रोज सात स्थाई चिकित्सकों की तैनाती की गई, जबकि एक चिकित्सक को अस्थाई तौर पर रखा गया है। स्थायी चिकित्सकों की तैनाती होने से जहां कोरोना संक्रमण महामारी से निपटने में स्वास्थ्य विभाग को राहत मिलेगी, वहीं दूरस्थ इलाकों में चिकित्सक मिलने से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके झा ने बताया कि जिले के दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से स्थाई रूप से चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है। डॉ. भुवन चन्द्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दैड़ा ऊखीमठ, डॉ. दीपाली नौटियाल व डॉ हेमा असवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अगस्त्यमुनि, डॉ. कपिल तिवारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जखोली, डॉ. नेहा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य दुर्गाधार, डॉ. भवानी प्रताप राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय पठालीधार, डॉ. शिवानी गुंसाई जिला अस्पताल एवं अस्थाई तौर पर डॉ नितीश कुमार को अति प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैली में तैनात किया गया है। जल्द ही अस्थाई तौर पर अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी।

कोरोना महामारी को देखते हुए आउटसोसिंग कंपनी के माध्यम से तीन माह के लिए स्टाफ नर्स, लैब, एक्सरे टैक्नीशियन, वार्ड ब्वाय की तैनाती की जा रही है। कुछ समय बाद फार्मासिस्ट के पदों पर भी तैनाती की जाएगी। उन्होंने बताया कि माधवाश्रम शंकराचार्य अस्पताल में कोविड 19 अस्पताल बनाया गया है। जहां सिर्फ कोविड के मरीजों को रखा जा रहा है। 

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अस्पताल में आइसोलेशन के 46 बेड पहले मौजूद है और अस्थाई तौर पर जर्मन टेक्नोलॉजी के 180 बेड तैयार किए गए है। जनपद में अभी तक कोई भी कोरोना पाजीटिव केस नहीं है। जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

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