Kedarnath के लिए हेली टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग करने वाले सावधान, ठगी का शिकार हो रहे तीर्थ यात्री
Kedarnath heli Booking हेली सेवा देने वाली कंपनियों के नाम से ऑनलाइन फर्जी टिकट के मामले सामने आ रहे हैं। गुरुवार को मध्य प्रदेश गुजरात और महाराष्ट्र के तीन ग्रुप इस प्रकार की ठगी के शिकार हुए।
संवाद सूत्र, रुद्रप्रयाग: Kedarnath heli Service : केदारनाथ के लिए हेली सेवा देने वाली कंपनियों के नाम से ऑनलाइन फर्जी टिकट के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में कई यात्रियों को दर्शन किए बिना ही वापस लौटना पड़ रहा है।
बीते गुरुवार को मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के तीन ग्रुप इस प्रकार की ठगी के शिकार हुए। जबकि, हेली कंपनियों का कहना है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग का कार्य गढ़वाल मंडल विकास निगम के जिम्मे है। जो भी यात्री हेली कंपनियों के नाम से फर्जी टिकट लेकर आ रहे हैं, उनसे पुलिस में शिकायत दर्ज करने को कहा जा रहा है।
बिना दर्शन के ही वापस लौट रहे यात्री
भोपाल (मध्य प्रदेश) से आए छह तीर्थ यात्रियों के दल के साथ भी ठगी का मामला सामने आया। इस दल के सदस्य प्रजापति पी.सावंत ने बताया कि उन्होंने पवन हंस हेली कंपनी में ऑनलाइन टिकट बुक कराए थे। लेकिन, गुरुवार को यहां आने पर पता चला कि टिकट फर्जी हैं। अब वह बिना दर्शन के ही वापस लौट रहे हैं।
मध्यप्रदेश की ही सुजाता कहती हैं कि उनके नौ सदस्यीय दल ने एक साथ ऑनलाइन टिकट बुक कराए थे। पवन हंस कंपनी के नाम से उन्हें टिकट भी दिए गए। लेकिन, यहां आने पर पता चला कि टिकट फर्जी हैं। गुजरात व महाराष्ट्र के तीन दलों से भी पवन हंस के नाम पर ठगी की गई।
तीर्थ यात्रियों ने जीएमवीएन पर आरोप लगाया कि सही जानकारी न होने के कारण वो ठगी के शिकार हो जाते हैं, जीएमवीएन को टिकट आवंटन की सही जानकारी देश के हर हिस्से तक पहुंचानी चाहिए। होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी व उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल ने कहा कि सरकार को हेली टिकट के नाम पर हो रही ठगी पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी पहल करनी चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं से यात्रा को लेकर गलत संदेश जाता है।
हेली सेवा से रोजाना पहुंच रहे 1500 से अधिक यात्री
केदारनाथ के लिए संचालित हेली कंपनियों का क्रेज इस बार बीते वर्षों की अपेक्षा काफी अधिक है। अब तक 1.26 लाख से अधिक तीर्थ यात्री हेली सेवा से बाबा के दर्शनों को पहुंचे। रोजाना 1500 से अधिक यात्री हेली सेवा से केदारनाथ पहुंच रहे हैं।
केदारनाथ के लिए संचालित हेली सेवा के टिकट जारी करने की जिम्मेदारी उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने जीएमवीएन को दी है। ऑनलाइन टिकट के साथ आफलाइन टिकट भी जीएमवीएन ही जारी करता है। लेकिन, इस वर्ष मई व जून में कई तीर्थ यात्री ठगी का शिकार हुए। सितंबर व अक्टूबर में भी फर्जी टिकट की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।