आरक्षित वन क्षेत्रों का संरक्षण लोगों की जिम्मेदारी भी
संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक में समस्त एसडीएम को ससमय सिवि
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक में समस्त एसडीएम को ससमय सिविल स्वयं भूमि की जानकारी देने व पटवारी चैकियों की जीपीएस लोकेशन वन विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। वन एवं समुदाय को आपसी समन्वय से कार्य करने के साथ ही ग्राम व ब्लॉक स्तर पर गठित होने वाली समिति में वन विभाग के लोगों को जागरूक पर भी जोर दिया गया।
जिला कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में सीडीओ सरदार सिंह चौहान ने कहा कि वन विभाग द्वारा पटवारी चौकियों को गूगल अर्थ में लोकेट कर दिया जाएगा, जिससे वनाग्नि के दौरान सबसे नजदीकी रिस्पांडर का पता चल सकेगा। कहा कि मौसम में दिन-प्रतिदिन बदलाव आ रहा है व प्राकृतिक आपदाओं का मूल्यांकन करना असंभव है। प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार ने बताया कि बैठक का उद्देश्य जनपद के लिए अग्नि सुरक्षा की योजना बनाकर शासन को उपलब्ध कराना है। योजनानुसार इस फायर सीजन में 2 कंट्रोल रूम, 44 क्रू स्टेशन व 6 मोबाइल क्रू स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही समस्त पटवारी चैकियों को भी क्रू स्टेशन बनाया जाएगा। जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी शामिल होगी। भारतीय वन अधिनियम 1927 के सैक्शन 79 के अनुसार आरक्षित वन क्षेत्रों के समीप स्थित गांवों में निवासरत हर व्यक्ति को इसमें अहम भागीदारी निभानी चाहिए। एसडीओ महिपाल सिंह सिरोही ने प्रजेंटेशन के माध्यम से पूरी कार्ययोजना विस्तार से बताई। बताया कि जनपद में विगत 10 वर्षों की अग्नि दुर्घटनाओं से रुद्रप्रयाग वन प्रभाग का लगभग 575 हेक्टेयर व केदारनाथ का 24 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ था। वन प्रभाग रुद्रप्रयाग का 923 हेक्टेयर व केदारनाथ का 15407 हेक्टेयर क्षेत्रफल अति संवेदनशील व संवेदनशील के दायरे में आता है। इस अवसर पर एसडीएम सदर वृजेश तिवारी, सीईओ सीएन काला, डॉ. शाकिब हुसैन, ईई सिचाई पीएस बिष्ट, युवा कल्याण अधिकारी केएन गैरोला सहित समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।