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नागा विद्रोहियों के हमले में शहीद फते¨सह के घर में कोहराम

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिले के अगस्त्यमुनि विकास खंड की बाडव ग्राम सभा के फते¨सह नेगी रविवा

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 03:01 AM (IST)
नागा विद्रोहियों के हमले में शहीद फते¨सह के घर में कोहराम
नागा विद्रोहियों के हमले में शहीद फते¨सह के घर में कोहराम

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिले के अगस्त्यमुनि विकास खंड की बाडव ग्राम सभा के फते¨सह नेगी रविवार को नागालैंड में नागा विद्रोहियों के हमले में शहीद हो गए। शहीद का पार्थिव शरीर मंगलवार तक गांव पहुंचने की संभावना है। इसके बाद पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद अपने पीछे पत्नी व तीन बच्चों का भरा पूरा परिवार छोड़ गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिवार को हरसंभव सहयोग करेगी।

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नागालैंड के मोन जिले में नागा विद्रोहियों के हमले में रविवार दोपहर करीब ढाई बजे 50 वर्षीय हवलदार फते¨सह पुत्र मुकंद ¨सह समेत दो जवान शहीद हो गए थे। 40 वीं असम राइफल्स की टुकड़ी पर हथियारबंद उग्रवादियों नेउस समय हमला कर दिया, जब उनकी टीम पीने का पानी लाने गए थे।

शहीद की पत्नी गीता देवी का रो रोकर बुरा हाल है। शहीद की बड़ी बेटी पूनम की शादी हो चुकी है, जबकि बेटा रोबिन व छोटी बेटी सोनम श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी कर रहे हैं। इसकी सूचना असम राइफल्स के हेड क्वार्टर से फोन पर शहीद के भाई सते¨सह नेगी को मिली। इस घटना के बाद से पूरा बाड़व गांव समेत क्यूजां घाटी में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद के भाई सते ¨सह ने कहा कि उनके भाई ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बलिदान दिया है, इससे पूरे जनपद को उन पर नाज है। सते ¨सह ने बताया कि पार्थिव शरीर सोमवार रात्रि को दिल्ली पहुंच जाएगा, इसके बाद सुबह लगभग नौ बजे रुद्रप्रयाग तथा दोपहर तक घर पहुंच जाएगा। बताया कि समय पर पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो मंगलवार को ही अंतिम संस्कार पैतृक घाट चन्द्रापुरी में कर दिया जाएगा। 4 जून का मनाया था जन्म दिन

-मार्च में ही आए थे घर, दीपावली में घर आने का किया था परिवार से वादा

रुद्रप्रयाग: देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद फते¨सह ने 14 दिन पहले ही अपना जन्म दिन मनाया था। 50 वर्षीय फते¨सह को नहीं मालूम था कि वह उनका अंतिम जन्मदिन होगा। वे मार्च में ही एक माह की छुट्टी पर घर आए थे। ड्यूटी पर जाते समय वह दीपावली में फिर से घर आने का वादा अपने बच्चों व पत्नी से कर गए थे। 14 दिन पहले ही उन्होंने अपना जन्म दिन साथियों के साथ मनाया था। उन्होंने जन्मदिन के दिन घर वालों से पूजा भी करवाई थी। बेटे रोबिन सिंह ने कहा कि उनके पिता ने हमेशा सच्चाई की राह पर चलना सिखाया। वह अपने पिता की दिशा निर्देशों पर ही आगे चलेंगे।


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