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22 वर्ष बाद तैयार हुआ जिला न्यायालय भवन

वर्ष 1997 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार के दौरान जनपद रुद्रप्रयाग का गठन हुआ था। अब जनपद गठन के 22 वर्ष बाद जिला न्यायालय भवन बनकर तैयार हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 03:01 AM (IST)
22 वर्ष बाद तैयार हुआ जिला न्यायालय भवन

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: वर्ष 1997 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार के दौरान जनपद रुद्रप्रयाग का गठन हुआ था। अब जनपद गठन के 22 वर्ष बाद जिला न्यायालय भवन बनकर तैयार हुआ है। 14 जनवरी को नए वर्ष में यहां न्यायालय शिफ्ट हो जाएगा। वर्तमान में शहर में ही कोतवाली के पास लोनिवि के भवनों में ही काफी कम जगह में न्यायालय का संचालन हो रहा है। नया न्यायालय भवन कोटेश्वर में बनकर तैयार हुआ है। यह शहर से लगभग चार किमी से अधिक दूरी पर स्थित है। वहीं जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं ने नए भवन में उनके बैठने के लिए स्थान न होने पर नए भवन में न जाने की बात कही है।

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जनपद गठन को भले ही 22 वर्ष बीत गए हों, लेकिन आज भी जिला अपने पूर्ण स्वरूप में नहीं आ पाया है। जनपद गठन के 19 वर्ष बाद वर्ष 2016 में विकास भवन बनकर तैयार हुआ था और अब जनपद न्यायालय का निर्माण हुआ है। हालांकि जिला कार्यालय वर्ष 2004 में ही बनकर तैयार हो गया था। अभी भी कई सरकारी कॉलोनी व भवनों का निर्माण बाकी है। शहर से लगभग चार किमी दूर कोटेश्वर के पास वर्ष 2005 में सरकार ने जिला न्यायालय भवन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद वन भूमि का स्थानांतरण कर भवन निर्माण कार्य शुरू हुआ। भवन निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग को सौंपा गया। कुल 861 लाख की लागत से इस भवन का निर्माण किया है। 13 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद भवन बन कर तैयार हो गया है। अब आगामी 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व पर न्यायालय को रुद्रप्रयाग से कोटेश्वर स्थित नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। हालांकि शहर से दूर होने के कारण आम जनता व अधिवक्ताओं को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए यहां नियमित बस सेवा लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। दूसरी ओर नए भवन में वकीलों के बैठने के लिए केबिन नहीं बने हैं, जिसे लेकर उनमें आक्रोश है। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष केपीएस रौथाण व सचिव जेपीएस कठैत ने कहा कि यदि नए भवन में वकीलों के बैठने के लिए केबिन की व्यवस्था नहीं की गई तो वो नए भवन में नहीं जाएंगे। भवन निर्माण का जिम्मा संभालने वाले कार्यदायी संस्था लोनिवि के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस ने बताया कि भवन में शिफ्टिंग की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कहा कि अभी भवन में सुरक्षा दीवार व अन्य निर्माण कार्य शेष है।


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