चिनूक ने गौचर हवाई पट्टी पर की लैंडिंग, कल से केदारनाथ पहुंचाएगा भारी मशीनें; जानें- इसकी खासियत
केदारनाथ धाम में पुर्ननिर्माण के फेस-2 में होने वाले कामों के लिए एयरफोर्स का मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर केदारनाथ में भारी मशीनें पहुंचाएगा। गौचर हेलीपैड से चिनूक मंगलवार सुबह केदारनाथ के लिए उड़ान भरेगा। गौचर हेलीपैड पर ही तीन मशीनें रखी गई हैं।
रुद्रप्रयाग/गोपेश्वर, जेएनएन। केदारनाथ धाम में पुर्ननिर्माण के दूसरे चरण में होने वाले कार्यों के लिए एयरफोर्स का मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर केदारनाथ में भारी मशीनें पहुंचाएगा। गौचर हेलीपैड से चिनूक मंगलवार सुबह केदारनाथ के लिए उड़ान भरेगा। सोमवार शाम चार बजे चिनूक ने गौचर हेलीपैड पर लैंडिंग की। अब वो यहां रखी तीन मशीनों को पार्ट्स के रूप में केदारनाथ पहुंचाएगा।
केदारनाथ में यह दूसरा मौका है, जब एयरफोर्स के मालवाहक का प्रयोग किया जा रहा है। इससे पहले आपदा के दौरान एमआइ-26 के जरिए यहां भारी सामान पहुंचाया गया है। वहीं, एमआइ-17 ने तो कई बार सामान पहुंचाने का काम किया है। अब चिनूक का इस्तमाल किया जा रहा है। इसके लिए केदारनाथ में हेलीपैड का भी विस्तार किया गया।
लोक निर्माण विभाग के ईई प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि मंगलवार को चिनूक गौचर हेलीपैड पहुंचााएगा, जिसके बाद भारी मशीनों को केदारनाथ भिजवाने का काम शुरू होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंगलवार से यह काम शुरू किया जा सकेेेेगा। इधर, केदारनाथ और गौचर में भी इसकी तैयारियां की जा रही है।
चिनूक की खासियत
- चिनूक हेलीकॉप्टर 11 टन तक भारी सामान ले जाने में सक्षम।
- भारी सामान ऊंचे और दुर्गम इलाकों तक पहुंचाने में सक्षम।
- हर मौसम और दिन-रात भर सकता है उड़ान।
- चिनूक में लगे हैं दो रोटर इंजन, इसके कारण काफी सुरक्षित है ये हेलीकॉप्टर।
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आपदा के बाद एमआइ- 26 की मदद से दिया गया था पुनर्निर्माण कार्यों को अंजाम
वर्ष 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों में वायु सेना की अहम भूमिका रही है। वर्ष 2015 में रूसी तकनीक से बने वायु सेना के सबसे बड़े हेलीकॉप्टर एमआइ-26 की मदद से केदारनाथ में कई महत्वपूर्ण पुनर्निर्माण कार्यों को अंजाम दिया गया था। अब एक बार फिर वायु सेना का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत वायु सेना में शामिल अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनूक भी केदारनाथ के लिए उड़ान भरेगा। इस हेलीकॉप्टर से 11 टन भारी मशीनें केदारनाथ पहुंचाई जा सकती हैं।