जनपद में195 गांव होंगे विकसित
रविन्द्र कप्रवान रुद्रप्रयाग जिले के 195 गांव कलस्टर के रूप में विकसित किए जाएंगे। इस गांवों मे
रविन्द्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग: जिले के 195 गांव कलस्टर के रूप में विकसित किए जाएंगे। इस गांवों में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों को प्रदेश सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन व अन्य कारणों से बंजर हुए खेतों की सूरत बदलनी शुरू होगी। योजना की खास बात यह है कि इसमें बीज, कृषि यंत्र, जैविक खाद एवं कीटनाशक समेत अन्य सुविधाएं सरकार की ओर से मुहैया कराई जाएंगी। इस योजना से धरातल पर उतरने से जहां कृषि को बढ़ावा मिलेगा, वहीं किसानों की आर्थिकी में सुधार आएगा।
पहाड़ में धीरे-धीरे ग्रामीण अंचलों से हो रहे पलायन एवं जंगली जानवरों से आतंक से परेशान अधिकांश लोगों ने कृषि का कार्य काफी कम कर दिया है। नई पीढ़ी के लोगों का शहरों की ओर पलायन होने से गांवों में अधिकतर खेती बंजर हो गई है। किसानों की आय दुगनी के करने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। इससे किसान स्वरोजगार अपनाकर अपनी आर्थिकी में इजाफा कर सके। प्रदेश सरकार जहां किसानों को सस्ते दरों पर लोन की व्यवस्था कर रही है, वहीं अनुदान एवं किसान सम्मान निधि से भी किसानों को लुभा रही है। किसानों की आय 2022 तक दुगनी करने के उद्देश्य से कृषि, जैविक व उद्यान विभाग ने संयुक्त रूप से जिले में परंपरागत कृषि विकास योजना का खाका तैयार किया था। जिसमें जिले के तीनों ब्लॉकों के 195 गांवों को गांवों में बैठक कर कृषि विभाग ने 100, जैविक परिषद ने 50 एवं उद्यान विभाग ने 45 गांवों का चयन किया था। जिससे एक बार फिर इन खेतों में हरियाली लौट सके। इन गांवों में प्रत्येक 20 हेक्टेयर पर 50 किसानों का एक कलस्टर (समूह) बनाया गया है। जिसमें प्रत्येक कलस्टर से एक किसान को अध्यक्ष चुना जाएगा। उक्त विभागों ने 195 गांवों का चयन कर इसका प्रस्ताव डीएम के माध्यम से शासन को भेजा था, इसके बाद सरकार की ओर से योजना को स्वीकृति मिल चुकी है। योजना में धान, गेहूं, मंडुवा, झंगोरा, चौलाई, रामदाना, विभिन्न प्रकार की दालें, बेमौसमी सब्जी, फूल एवं मसाले की खेती को शामिल किया गया हैं।
विभागवार चयनित गांवों की सूची
कृषि विभाग 100
उद्यान विभाग 45
जैविक परिषद 50 जिले में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत विभाग ने 100 गांव का चयन कर इनकी सूची शासन को भेजी थी। जिसके बाद शासन की ओर से कलस्टर के माध्यम से कृषि कार्य करने के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। अब शीघ्र योजना को धरातल उतारने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
एसएस वर्मा
मुख्य कृषि अधिकारी, कृषि विभाग रुद्रप्रयाग जिले के जैविक परिषद के तहत 50 एवं उद्यान विभाग ने 45 गांवों में कलस्टर के माध्यम से खेती करने के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमें प्रत्येक कलस्टर में पचास किसानों का समूह बनाया गया है। इन कलस्टरों की सूची ऑनलाइन करने के बाद शीघ्र इन गांवों में परंपरागत खेती की शुरूआत की जाएगी। जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी।
योगेंद्र सिंह
जिला उद्यान अधिकारी, उद्यान विभाग रुद्रप्रयाग