भाजपा के चक्रव्यूह में फंस गई कांग्रेस
संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर कांग्रेस को मात देकर भाजपा जीत दर्ज करने म
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर कांग्रेस को मात देकर भाजपा जीत दर्ज करने में सफल रही। कांग्रेस के भीतर गुटबाजी ने ही भाजपा की जीत का रास्ता साफ कर दिया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष में भी भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुमंत तिवारी जीत दर्ज करने में सफल रहे। शुरुआत से ही भाजपा चुनाव में सक्रिय हो गई थी, जबकि कांग्रेस सुस्त पड़ी थी। भाजपा विधायक भरत सिंह चौधरी के बनाए चक्रव्यूह में कांग्रेस बुरी तरह फंस गई, और शुरू से लेकर अंत तक कांग्रेस को बढ़त का मौका ही नहीं मिल पाया।
जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट इससे पूर्व कांग्रेस के पास थी, लेकिन इस बार भाजपा कांग्रेस को पटकनी देते हुए जीत दर्ज करने में सफल रही। जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव परिणाम घोषित होने के दिन भाजपा के पास पांच अधिकृत प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल रहे। जबकि कांग्रेस के तीन अधिकृत सदस्य ही जीत कर पाए, जबकिकांग्रेस पृष्ठभूमि के चार सदस्य जीत कर आए, जबकि अन्य निर्दलीय चुनाव जीते थे। कांग्रेस पृष्ठभूमि के सदस्यों को कांग्रेस एकजुट करने में सफल नहीं रही और उसकी हार का कारण भी यही बना। कांग्रेस के भीतर गुटबाजी के चलते उसे हार का मुंह देखना पड़ा। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस की जीत सुनिश्चित लग रही थी, लेकिन इसके बाद कांग्रेस पूरी तरह बिखर गई, भाजपा एक-एक सदस्य को जोड़ती रही। कांग्रेस चुपचाप बैठ तमाशा देखती रही।
जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही भाजपा की ओर से विधायक भरत सिंह चौधरी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी थी। तीन सदस्यों को भाजपा में शामिल कराया गया, जबकि कांग्रेस पृष्ठभूमि के चार सदस्यों से भी गठाजोड़ कर अध्यक्ष की गणित आसान कर ली। इसमें भाजपा विधायक भरत चौधरी ने अहम भूमिका निभाई। वहीं कांग्रेस की नींद तब खुली जब भाजपा अपनी रणनीति को अंजाम दे चुकी थी। कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेंद्र बिष्ट को जिला पंचायत उपाध्यक्ष का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया, वह निर्दलीय को अपने पक्ष में करने में तो सफल रही, लेकिन उसकी गणित इससे आगे नहीं बढ़ पाई और भाजपा दोगुने मतों से जीत दर्ज करने में सफल रही। जबकि कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष सुमंत तिवारी भी उपाध्यक्ष की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया। कांग्रेस के भीतर गुटबाजी से उसे जिला पंचायत उपाध्यक्ष की भी सीट गंवानी पड़ी।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भाजपा विधायक भरत चौधरी ने कहा कि भाजपा दोगुने अंतर से जीत दर्ज करने में सफल रही। भाजपा की जीत चुनाव परिणाम के बाद से ही सुनिश्चित थी। वहीं कांग्रेस के विधायक मनोज रावत ने कहा कि पंचायत चुनाव में जनता ने कांग्रेस के समर्थन में अपना वोट दिया था, लेकिन भाजपा ने जनादेश का आदर नहीं किया, और सत्ता की धमक से जीत दर्ज की।