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15 मई के बाद राशन नहीं उठाएंगे गल्ला विक्रेता

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ की बैठक में कोरोना काल में राशन उठान का भ

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 05:54 PM (IST)
15 मई के बाद राशन नहीं 
उठाएंगे गल्ला विक्रेता
15 मई के बाद राशन नहीं उठाएंगे गल्ला विक्रेता

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ की बैठक में कोरोना काल में राशन उठान का भुगतान न होने पर विक्रेताओं ने 15 मई के बाद राशन न उठाने का निर्णय लिया है। इस दौरान संघ की नई कार्यकारिणी का गठन करते हुए सर्वसम्मति से अंशुल जगवाण को अध्यक्ष चुना गया।

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तिलवाड़ा में आयोजित सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की बैठक सुरेश चंद्र जोशी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें नई कार्यकारिणी का गठन करते हुए अध्यक्ष के अलावा महामंत्री सुरेश चंद्र जोशी, कोषाध्यक्ष हितेंद्र रतूड़ी, उपाध्यक्ष राजेंद्र कठैत, सचिव महेंद्र कुमार वाजपेयी को चुना गया। नवनियुक्त अध्यक्ष अंशुल जगवाण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का भाड़ा अभी तक नहीं मिला है। ऐसे में गल्ला विक्रेताओं के सामने गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। उन्होंने मानदेय देने के साथ ही गोदामों में इलेक्ट्रॉनिक तराजू लगाने की मांग भी की। कहा कि राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना की तर्ज पर राज्य खाद्य योजना का लाभांश दिया जाए। राज्य खाद्य योजना में 18 रुपये लाभांश मिलता है। जबकि, राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना में 143 रुपये लाभांश मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2020-21 का एमडीएम का भुगतान भी नहीं हुआ है। उन्होंने प्रतिमाह ऑनलाइन ट्रांसेक्शन के लिए इंटरनेट के भुगतान की मांग की। सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने एक स्वर में कहा कि 15 मई तक राशन उठान का भुगतान न हुआ तो राशन विक्रेता खाद्यान्न नहीं उठाएंगे। इस मौके पर विजय कुमार, पुष्कर दत्त, आलम सिंह, सुदर्शन चौहान, किशन तिवारी, अनूप रावत, जगत पंवार, वीरेंद्र बुटोला, गंगा सिंह, केसर रावत, मान सिंह नेगी, लक्ष्मण नेगी, नवीन नेगी सहित बड़ी संख्या में गल्ला विक्रेता मौजूद थे। वहीं उक्रांद के युवा नेता मोहित डिमरी ने डीलरों की मांगों को जायज बताते हुए कहा कि वह राशन डीलरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना के समय राशन डीलरों ने सराहनीय सेवाएं दी। घर-घर तक प्रवासियों और गरीबों को राशन पहुंचाई गई, लेकिन फिर भी उनके भाड़े का भुगतान नहीं हो पाया है।


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