सोनप्रयाग को मुख्य पड़ाव बनाने की कसरत
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आपदा में पूरी तरह से तबाह हो चुके सोनप्रयाग को यात्रा के मुख्य पड़ाव के तौ
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आपदा में पूरी तरह से तबाह हो चुके सोनप्रयाग को यात्रा के मुख्य पड़ाव के तौर पर विकसित करने को जिला प्रशासन ने कसरत शुरू कर दी है। सोनप्रयाग को एक बार फिर से बसाकर लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशासन, व्यापारियों व स्थानीय लोगों के बीच बातचीत की पहल की गई है। केदारनाथ आपदा में गौरीकुंड के तबाह होने के बाद सोनप्रयाग ही केदारनाथ यात्रा का वह अंतिम पड़ाव है, जहां तक सड़क मार्ग है।
वर्ष 2013 को केदारनाथ में आयी दैवीय आपदा में चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग पूरी तरह से तबाह हो गया था। यहां बनी सारी दुकानें भी आपदा की भेंट चढ़ गई थी। रोजगार उजड़ने से सभी स्थानीय लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार हो गए। गौरीकुंड तक अभी संपर्क मार्ग नहीं बन सका है, जो बना है वह अस्थाई रुप से है। ऐसे में सरकार का ध्यान सोनप्रयाग को ही विकसित करने पर है। यहां पर पार्किंग के साथ ही दुकानें बनाए जाने को लेकर प्रशासन प्लानिंग कर रहा है, जो सोनप्रयाग के बेरोजगार हुए लोगों को ही आवंटित की जाएगी।
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सोनप्रयाग की स्थिति
रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग की दूरी-71 किमी
सोनप्रयाग से केदारनाथ की दूरी-19 किमी
सोनप्रयाग में आपदा से प्रभावित व्यापारी-450
प्रस्तावित योजना-पार्किंग, शॉपिंग कांप्लैक्स
सोनप्रयाग में ही प्रस्तावित है यह योजनाएं
सोनप्रयाग में पार्किंग, शॉपिंग कांप्लैक्स को लेकर प्रस्ताव बने हैं। रामपुर में बहुआयामी पार्किंग की स्वीकृति शासन से मिल गई है। सोनप्रयाग में भी स्थानीय लोगों से इसे विकसित करने को लेकर चर्चा चल रही है।
डॉ. राघव लंगर
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग