मतदाताओं ने राजनीतिक दलों की टेबलों से बनाए रखी दूरी
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ मतदान केंद्रों के बाहर कभी मतदाताओं से घिरी रहने वाली राजनैतिक द
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: मतदान केंद्रों के बाहर कभी मतदाताओं से घिरी रहने वाली राजनैतिक दलों की टेबल इस बार खाली दिखी। टेबलों को मतदाताओं ने कोई तवज्जो नहीं दी। बूथ के भीतर राष्ट्रीय दलों को छोड़ अन्य प्रत्याशियों के एजेंट भी नजर नहीं आए। इस बार निर्वाचन महकमे ने मतदाताओं को बूथ पर्ची उपलब्ध कराई थी, जिसके चलते मतदाता सीधे बूथ पर ही पहुंचा।
पूर्व के चुनाव में राजनैतिक दल मतदान केंद्रों के बाहर अपने टेबल लगाने पर विशेष ध्यान देते थे। राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता बूथ के बाहर अपनी टेबल लगाकर मतदाताओं को उनका मतदान क्रमांक आदि उपलब्ध कराते थे, ये टेबलें मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में भी महत्वपूर्ण मानी जाती थी, लेकिन इस चुनाव बदलाव नजर आया। राष्ट्रीय दलों ने बूथों के बाहर अपनी टेबलें लगाई तो थी, लेकिन इन टेबलों में मतदाता नहीं आया। टेबलों पर तैनात कार्यकर्ता लगभग पूरे दिन खाली ही बैठे रहे। मतदाताओं के नाम पते खोजने के लिए उन्हें कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ी। मतदाता निर्वाचन महकमे द्वारा उपलब्ध कराई गई मतदाता पर्ची को लेकर सीधे बूथ में ही पहुंचा। बूथ के भीतर राजनैतिक राष्ट्रीय दलों को छोड़कर अन्य प्रत्याशियों के एजेंट भी बूथों पर नहीं दिखे। ======== पार्टियों ने बूथों के बाहर सजाए बस्ते
चम्पावत : लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों के कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा गया। अधिकांश कार्यकर्ताओं ने प्रत्येक बूथ पर अपने बस्ते सजाए थे। जो आदर्श आचार संहिता के चलते निर्धारित स्थलों से बाहर ही नजर आए। इनमें कुछ ने बकायदा दरी बिछाई थी तो कुछ दलों के कार्यकर्ता सड़क पर ही लिस्ट में मिलान कराते नजर आए, लेकिन चुनाव आयोग के नए नियमों के चलते पिछले चुनाव की तरह इस बार गहमा-गहमी कम देखने को मिली, क्योंकि बीएलओ द्वारा घर-घर मतदाता पर्चियां बांटी गई थी।