पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण
मदकोट क्षेत्र में पांच माह पूर्व आपदा के दौरान ध्वस्त हुई पेयजल योजनाओं की मरम्मत नहीं होने से क्षेत्र के ग्रामीणों को पानी का गंभीर संकट झेलना पड़ रहा है। करीब चार हजार की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। विभागीय उदासीनता से नाराज ग्रामीणों ने आलम गांव में प्रदर्शन किया।
संवाद सूत्र, मदकोट : पांच माह पूर्व आपदा के दौरान ध्वस्त हुई पेयजल योजनाओं की मरम्मत नहीं होने से तहसील बंगापानी के तीन गांवों की चार हजार की आबादी जबरदस्त पेयजल संकट से जूझ रही है। अब तक जलापूर्ति के माध्यम बने जलस्रोत सूखने लगे हैं, जिससे तीनों गांवों में पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। नाराज ग्रामीणों ने आलम गाव में प्रदर्शन किया।
जुलाई माह के प्रारंभ में अतिवृष्टि से आलम, दारमा और द्वारी गांवों की पेयजल योजना ध्वस्त हो गई थी। तभी से इन गांवों की जलापूर्ति बाधित हो गई थी। तीनों गांवों की आबादी लगभग चार हजार के आसपास है। ग्रामीण जुलाई माह से जलस्रोतों के सहारे हैं। इस बीच तीन बार ग्रामीणों द्वारा जल संस्थान, पेयजल निगम और प्रशासन को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। इसके बाद भी पेयजल लाइनों की मरम्मत नहीं होने पर ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंच कर जिलाधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा। डीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद भी पेयजल योजना की मरम्मत नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
क्षेत्र के तीनों गांवों के ग्रामीण अभी तक गांवों के निकट के पेयजल स्रोतों से जलापूर्ति कर रहे थे। जलस्रोत अब सूखने लगे हैं। बचे खुचे स्रोतों में पानी काफी कम हो चुका है। पेयजल को लेकर तीनों गांवों में हाहाकार मचा है। जलस्रोत के नाम पर तलहटी में बहने वाली गोरी नदी है। जहां से गांवों की दूरी पांच किमी से अधिक है। अभी तक कुछ ग्रामीण तो गोरी नदी से भी पानी ले जाकर प्यास बुझा रहे थे। अब कड़ाके की ठंड में दूर से पानी ला पाना भी संभव नहीं है।
शनिवार को ग्रामीणों ने आलम गांव में प्रदर्शन किया। इस मौके पर युवा समाज सेवी विक्रम दानू ने कहा कि पांच माह बीतने के बाद भी प्रशासन और विभाग ने सुध नहीं ली है। एक सप्ताह के भीतर पानी की आपूर्ति नहीं होने पर तीनों गांवों के समस्त ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंच कर डीएम कार्यालय के आगे धरने पर बैठने की धमकी दी गई। प्रदर्शन करने वालों में नरेंद्र सिंह , देवेंद्र सिंह, केशर सिंह, हयात सिंह, चंद्रा देवी, केशरी देवी आदि थीं।