यहां वीराने में कैलास यात्रियों ने तैयार की वाटिका, मन को पहुंचा रही सुकून
पिथौरागढ़ में पर्यावरण संरक्षण को लेकर की गर्इ कैलास मानसरोवर यात्रियों की पहल रंग लाने लगी है। उनके द्वारा यहां बनार्इ गर्इ वाटिका फूलों से महकने लगी है।
पिथौरागढ़, [जेएनएन]: कैलास मानसरोवर यात्रियों ने यात्रा के दौरान एक पर्यावरण संरक्षण के लिए एक पहल करते हुए वाटिका का निर्माण शुरू किया था। ये वाटिका अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है और इसे मानसरोवर वाटिका नाम दिया गया है। यात्रियों की ये पहल अब रंग लाने लगी है।
चीड़ के जंगल के किनारे से लेकर लगभग पांच सौ मीटर का क्षेत्र फूलों महक रहा है। रंग-बिरंगे फूल अपनी छटा बिखेर रहे हैं और कैलास मानसरोवर यात्रियों के पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे है। झाड़-झंखाड़ नजर आने वाला ये क्षेत्र अब नयनाभिराम दे रहा है।
कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग खराब होने से इस वर्ष यात्रा का आधार शिविर पिथौरागढ़ को बनाया गया था। यात्रियों को यहां से हेलीकॉप्टर से गुंजी भेजा जा रहा था। मौसम खराब होने के कारण हर दल को कई दिनों तक पिथौरागढ़ में केएमवीएन पर्यटक आवास गृह में रुकना पड़ा।
इस दौरान हर कैलास मानसरोवर यात्री एक पौधा धरती मां के नाम और हिमालय बचाओ अभियान के तहत वहां रोप रहे थे। यात्रियों ने कर्इ प्रजातियों के पौधे रोपकर पर्यावरण का संदेश दिया।
पर्यावरण संरक्षण में जुटे पर्यटक आवास गृह के प्रबंधक और यात्रा के नोडल अधिकारी दिनेश गुरुरानी पौधरोपण के लिए झाड़-झंखाड़ के बीच भूमि तैयार कर यात्रियों को पौध उपलब्ध कराते रहे। यात्रियों ने बांज,, बुरांश, देवदार सहित छायादार पौधों के रोपण के साथ ही फूलों के पौधों का रोपण किया।
पहले थी वीरानी, अब हर कोर्इ पहुंच रहा यहां
वहीं, यात्रा पूरी होने के बाद अब दिवाली पर यात्रियों द्वारा तैयार की गई बगिया ने अपना रंग दिखाया है। जहां फूलों ने अपनी छठा बिखेरी है, तो वहीं अ न्य प्रजातियों के रोपे गए पौधे भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। जिस स्थल पर कोई एक पल रुकना पसंद नहीं करता था। वहां पर अब लोग पहुंच रहे है।
सोशल मीडिया में छाई है वाटिका
कैलास मानसरोवर यात्रियों के प्रयास से महक रही मानसरोवर वाटिका सोशल मीडिया में छाई हुर्इ है। एक दूसरे को दिए जाने वाले शुभ संदेशों में वाटिका की तस्वीर भेजी जा रही है। सुबह और शाम की सैर करने वाले भी वाटिका का आनंद उठा रहे है।
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