युंगढुंग स्रोत से पानी रिसने से तंतागांव रोतों गांव को खतरा
संवाद सूत्र, धारचूला : तहसील मे चौदास घाटी में मानसून काल में कहर बरपाने वाले सिमखोला नाले का
संवाद सूत्र, धारचूला : तहसील मे चौदास घाटी में मानसून काल में कहर बरपाने वाले सिमखोला नाले का सहायक नाला युंगढुंग तंतागांव रोतों को निगलने की तैयारी में है। गांव के शीर्ष में स्थित स्रोत से निकलने वाला पानी भूमिगत होकर रिस रहा है। पूरा पानी तंतागांव रोतों गांव में रिस रहा है। दर्जनों मकानों में दरारें आ चुकी हैं। ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से स्रोत से नाले के पानी की निकासी सिमखोला नाले तक करने की मांग की है।
तंतागांव रौतों के शीर्ष में युंगढुंग नाले का स्रोत है। इस स्रोत का पानी अचानक भूमि के ऊपर गायब होकर भूमिगत हो चुका है। नाले का पूरा पानी जमीन के अंदर रिस रहा है। तंतागांव रौतों गांव के नीचे निकल रहा है। जिससे गांव की भूमि धीरे -धीरे रिस रही है और गांव पूरी तरह खतरे में आ चुका है। एक दर्जन से अधिक मकानों में दरारें आ चुकी हैं। ग्रामीण बताते हैं कि बारिश होते ही ग्रामीण मकान छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर जाते हैं। बारिश के साथ ही स्रोत में पानी का जलस्तर बढ़ जाता है जिससे खतरा भी बढ़ जाता है। तंतवागांव रौतों खड़ी चढ़ाई पर स्थित गांव है। गांव की भूमि के अंदर पानी रिसने से गांव के धंसने के आसार बने हैं।
इस संबंध में गांव से जितेंद्र ंिसंह, कृष्ण सिंह, चंचल रौतेला, शिव राम, जीवन सिंह रौतेला सहित अन्य ग्रामीण तहसील मुख्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने गांव की हालत के बारे में एसडीएम आरके पांडेय को बताया। ग्रामीणों ने बताया कि डर के मारे ग्रामीण रात भर सो नहीं पा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा गांव की भू वैज्ञानिकों से जांच कराते हुए युंगढुंग स्रोत के पानी को नाली बनाकर सिमखोला नाले में डालने की मांग की है। एसडीएम आरके पांडेय ने बताया कि सारी जानकारी जिलाधिकारी को दी गई है। जिसमें सर्वप्रथम भूगर्भीय जांच के लिए कहा गया है।