आठ हजार फीट की ऊंचाई वाले कनार मेले में जुटे हजारों भक्त, सजा रूप से सजा कोकिला मंदिर
आठ हजार फीट की ऊंचाई और तापमान शून्य डिग्री के आसपास फिर भी आस्था हजारों भक्तों को खींच कर पिथौरागढ़ के कनार मेले में ले आया है। मां कोकिला मंदिर भव्य रूप से सजाया गया है।
संस, कनार (पिथौरागढ़): आठ हजार फीट की ऊंचाई और तापमान शून्य डिग्री के आसपास, फिर भी आस्था हजारों भक्तों को खींच कर कनार के कोकिला मंदिर में लगने वाले रात्रिकालीन जिले के सबसे बड़े धार्मिक मेले में खींच कर लाई है। कड़ाके की ठंड भी भक्तों के जोश पर कोई असर नहीं डाल पा रही है। बरम से लेकर कनार तक की सोलह किमी की चढ़ाई वाले मार्ग से भक्तों का रैला नजर आ रहा है। रात्रि दस बजे तक भक्त दुर्गम मार्ग से कठिन चढ़ाई चढ़ कर मेले में पहुंचेंगे।
रात्रिकालीन इस धार्मिक मेले के सभी अनुष्ठान देर रात्रि से सुबह तक चलेंगे। इस दौरान रात्रि दस बजे से ढोल नगाड़ों के साथ विभिन्न स्थानों से धार्मिक जातें पहुंचेंगी। इन धार्मिक जातों को मंदिर परिसर में सबसे बड़े ढोल को बजाकर स्वागत किया जाएगा। मध्य रात्रि के बाद तक धार्मिक जातें पहुंचेंगी। इसके बाद में मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान होंगे। जहां पर कोकिला के देवडांगर जिसे पुजारी कहा जाता है उनके सामने क्षेत्र के अलग -अलग देवताओं के देव डांगर बैठेंगे और उनके बीच मंत्रणा चलेगी। बाद में देवडांगर देवता अवतरित होने के बाद मनौती के लिए भूखे प्यासे खड़े भक्तों को फल प्रदान करेंगे।
इस दौरान मंदिर परिसर के आसपास के आंगनों में आकर्षक झौडा चांचरी का गायन होगा। धार्मिक मेले में डीडीहाट से लेकर धारचूला, मुनस्यारी, गोरीछाल ,अस्कोट, तल्ला बगड, गर्खा सिंगाली सहित पिथौरागढ व अन्य जिलों से भी भक्त पहुंच चुके हैं। छिपलाकेदार पर्वतमाला के अंतिम सुनसान रहने वाला कनार गांव गुलजार हुआ है। कोकिला मंदिर सहित सभी धर्मशालाएं रोशनी से नहा रही हैं। ठंड से बचाव के लिए जगह-जगह अलाव धूनी जलाई गई है।