इस बार एक जून से शुरू हो सकती है कैलास मानसरोवर यात्रा
जागरण संवाददाता पिथौरागढ़ कैलास मानसरोवर यात्रा 2019 को लेकर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय क
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: कैलास मानसरोवर यात्रा 2019 को लेकर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय की पहली बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें मानसून काल सक्रिय होने से पूर्व जून माह में अधिक से अधिक यात्रा दलों को कैलास मानसरोवर भेजे जाने के सुझाव दिए गए। जिसे देखते हुए पहले दल को पहली जून को आधार शिविर धारचूला पहुंचाने का सुझाव रखा गया।
बीते वर्षो के मानसून काल में यात्रा में आए व्यवधान को देखते हुए बैठक में मौजूद जिला प्रशासन, आइटीबीपी, केएमवीएन, बीआरओ , वायुसेना व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने जून माह में यात्रा दलों की संख्या बढ़ाने तथा मानसून सक्रिय होने के बाद दलों की संख्या कम करने के सुझाव दिए। अधिकारियों ने कहा कि जून माह में यदि अधिक से अधिक यात्रा दल कैलास मानसरोवर जाएंगे तो मानसून काल में बाधा आने पर दलों की संख्या कम रहने से बीच की अवधि बढ़ाई जा सकती है। इस मौके पर केएमवीएन और जिला प्रशासन ने मार्ग बंद होने पर हैलीकॉप्टर पिथौरागढ़ की बजाय धारचूला से संचालित करने का सुझाव रखा। उनका तर्क था कि पिथौरागढ़ , धारचूला और गुंजी के मौसम में अंतर रहता है। पिथौरागढ़ में मौसम साफ होता है तो गुंजी , धारचूला में खराब रहता है। इस अवसर पर आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने सुझाव दिया कि यात्रा के दौरान व्यास मार्ग के बंद होने पर विकल्प दारमा वैली से संभव है। धारचूला से एक दिन में वाहन से बालिंग तक पहुंचा जा सकता है। बालिंग से चार किमी वाहन से चलने के बाद विदांग से दस किमी पैदल चलकर दल ज्यौलिंकोंग पहुंच सकते हैं। इस दौरान यात्रियों को 17500 फीट ऊंचाई वाला सिनला पास पार करना होगा। एक दिन अधिक लगेगा परंतु विकल्प मिल सकेगा। ज्यौलिंगकोंग से दल गुंजी जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने इसकी सैद्धांतिक सहमति जताई और इसके लिए जिला प्रशासन और आइटीबीपी के मध्य समन्वय बनाने को कहा है। बैठक जिला प्रशासन से धारचूला के एसडीएम आरके पांडेय, केएमवीएन के एमडी , आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया सहित विदेश मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे। शुक्रवार को आयोजित कैलास मानसरोवर यात्रा संचालन की यह पहली बैठक है। दूसरी बैठक अब पिथौरागढ़ में होगी ।