15 मई से खुलेंगे विश्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर के द्वार
संवाद सूत्र मुनस्यारी विश्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर के द्वार दुनिया भर के पर्यटकों के लिए 15 मई को
संवाद सूत्र, मुनस्यारी: विश्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर के द्वार दुनिया भर के पर्यटकों के लिए 15 मई को खुल जायेंगे। ट्रैकिंग सीजन के लिए प्रशासन और पर्यटन कारोबारियों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्यटकों को इस वर्ष मिलम गांव में होम स्टे की सुविधा मिलेगी।
सीमांत तहसील मुख्यालय मुनस्यारी से 71 किलोमीटर दूर स्थित मिलम ग्लेशियर अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों की पसंद है। यूरोप के तमाम देशों के साथ ब्रिटेन और अमेरिका से भी हर वर्ष यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। मिलम गांव तक सड़क बनाने का काम चल रहा है। करीब सात किलोमीटर मोटर मार्ग का निर्माण हो चुका है। पर्यटक 66 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हैं। उच्च हिमालय में आने वाला इस क्षेत्र में घने जंगल, नदी नाले तो हैं ही। जैव विविधता के मामले में भी यह क्षेत्र परिपूर्ण हैं। पक्षियों की तमाम प्रजातियां इस क्षेत्र में मिलती हैं। ट्रैकिंग के दौरान वर्ड वाचिंग पर्यटकों को खासी पसंद आती है। 15 मई से मिलम ट्रैकिंग रू ट खुल जाएगा और अक्टूबर अंत तक ट्रैकिंग चलती रहेगी। होटल एसोसिएशन के देवेंद्र देवा ने बताया कि मिलम ट्रैकिंग के लिए विदेशों से बुकिंग आने लगी है। पहला दल 17 मई को अमेरिका से मुनस्यारी पहुंचेगा। जून माह में यूरोप के तमाम देशों से पर्यटकों ने आने की सूचनाएं दी हैं। उन्होंने बताया कि मिलम गांव के लिए लोग भी माइग्रेशन कर अपने गांव पहुंचने की तैयारियों में जुटें हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मिलम गांव में पर्यटकों को होम स्टे की सुविधा मिलेगी। ======== रालम ग्लेशियर भी पर्यटकों की पसंद मुनस्यारी: मिलम के साथ ही मुनस्यारी का रालम ग्लेशियर भी पर्यटकों की विशेष पंसद है। रालम की दूरी तहसील मुख्यालय से लगभग 45 किमी. है। रालम के लिए भी ट्रैक रू ट बना हुआ है। चिलमधार से रालम की पैदल यात्रा शुरू होती है। रालम ग्लेशियर क्षेत्र की नदियों का मुख्य स्रोत है। ======= नहीं खुला मिलम मार्ग मुनस्यारी: मिलम मार्ग अभी नहीं खुला है। मार्ग में जगह-जगह बर्फ जमी पड़ी है। पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने के साथ ही कई पैदल पुल भी टूटे हुए हैं, लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी 15 मई तक मार्ग को ठीक करने के लिए जुटे हुए हैं। मार्ग में बने अस्थाई ग्लेशियर तापमान बढ़ने के साथ पिघल रहे हैं। अगले कुछ दिनों में मार्ग के ठीक हो जाने की उम्मीद लोनिवि ने जताई है।