तिब्बत में भारत से कुक ले जाने की व्यवस्था की जाए
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ कैलास मानसरोवर यात्रियों का दसवां दल यात्रा पूरी कर मंगलवार को पिथ
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: कैलास मानसरोवर यात्रियों का दसवां दल यात्रा पूरी कर मंगलवार को पिथौरागढ़ पहुंचा। जहां स्थानीय पर्यटक आवास गृह में यात्रियों का निगम कर्मियों ने भव्य स्वागत किया। यात्रियों ने यात्रा से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि तिब्बत में यात्रियों को खाना उनके मुताबिक नहीं मिलता है। तिब्बत में भारत से कुक ले जाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
एलओ अरु ण गुप्ता व नवनीत कोठारी के नेतृत्व में पर्यटक आवास गृह पहुंचे 52 सदस्यीय दल का निगम कर्मियों ने बुरांश का जूस पिलाकर स्वागत किया। इसके बाद यात्रियों ने आवास गृह के प्रबंधक दिनेश गुरू रानी की पहल पर चलाए जा रहे पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के तहत कैलास मानसरोवर यात्री वाटिका में पौधरोपण किया। गुरुरानी ने यात्रियों को पर्यावरण के प्रति जागरू क करते हुए कहा कि यात्रा तभी सफल होगी जब सभी यात्री अपने घर पहुंचकर एक पौधा भोले बाबा के नाम लगाएंगे। उन्होंने सभी यात्रियों को इसकी शपथ भी दिलाई। दल के एलओ अरु ण गुप्ता ने बताया कि यात्रा सुखद रही। यात्रा के दौरान मौसम ने अच्छा साथ दिया। दल के सुरेश, भूपेश, सुनील ने बताया कि केएमवीएन व आइटीबीपी द्वारा दिल्ली से लिपुलेख तक यात्रा पड़ावों पर अच्छे प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने चीन में शौचालय व खाने की व्यवस्था पर असंतोष जताया। दल में 14 महिलाएं शामिल हैं। दल के सबसे बुजुर्ग सदस्य मुंबई निवासी 69 वर्षीय मुरली प्रसाद व सबसे युवा राजस्थान निवासी 21 वर्षीय राहुल सोनी हैं। दल दोपहर का भोजन करने के बाद जागेश्वर को रवाना हुआ।
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पहली बार कैलास मानसरोवर यात्रा पूरी कर लौटे गुजरात के 67 वर्षीय बटुक सिंह गोयल का कहना है कि कैलास में साक्षात भगवान शिव विराजमान हैं। कैलास पहुंचकर मन को सुखद अनुभूति हुई है।
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दल के सबसे युवा सदस्य राजस्थान निवासी 21 वर्षीय राहुल सोनी ने कहा कि भारत के मुकाबले चीन में यात्रियों से अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। चीन में शौचालय की सुविधा भी अच्छी नहीं है। यात्रियों को कई स्थानों पर खुले में शौच करने जाना पड़ता है।
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पहली बार यात्रा पूरी कर लौटी उत्तर प्रदेश की वंदना दुबे ने कहा कि मौसम अच्छा रहने से यात्रा बेहद अच्छी रही। कैलास पर्वत के करीब से दर्शन करने का सौभाग्य मिला। अगली बार परिवार के साथ यात्रा की जाएगी।
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दल के सबसे बुजुर्ग सदस्य मुंबई निवासी 69 वर्षीय मुरली प्रसाद पांचवी बार कैलास यात्रा पूरी कर लौटे हैं। वर्ष 2015 में उन्होंने पहली बार नाथूला दर्रे से यात्रा की थी। इसके बाद वह वर्ष 2016 से अभी तक लगातार लिपूलेख दर्रे से यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लिपुलेख दर्रे से ही भगवान शिव के साक्षात दर्शन होते हैं। उन्होंने अगले वर्ष भी यात्रा पर जाने की इच्छा जताई।