खसरा, खतौनी और प्रमाण पत्रों के लिए लगानी पड़ रही दौड़
संवाद सूत्र मदकोट तहसील बंगापानी में तहसीलदार नहीं होने से तहसीलवासियों को 60 से 100 किमी तक
संवाद सूत्र, मदकोट: तहसील बंगापानी में तहसीलदार नहीं होने से तहसीलवासियों को 60 से 100 किमी तक की दौड़ लगानी पड़ रही है। तहसील में विगत छह माह से तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा है ऊपर से ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं मिलने से जनता परेशान है।
तहसील बंगापानी में ऑनलाइन प्रमाण पत्र, खसरा खतौनी और प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। तहसील का कार्य धारचूला के एसडीएम और तहसीलदार के पास है। धारचूला में अधिक कार्य होने से बंगापानी तहसील का कार्य देख पाने के लिए समय कम मिलता है। लोगों को अपने कार्य के लिए 60 से 100 किमी दूर धारचूला जाना पड़ता है। तहसील मुख्यालय बंगापानी से धारचूला की दूरी 60 किमी है तो तहसील के दूर दराज के गांवों से धारचूला की दूरी 100 किमी है। ग्रामीणों को प्रमाण पत्र बनाने के लिए धारचूला जाना पड़ता है।
इस संबंध में कांग्रेस और एनएसयूआइ के ब्लॉक अध्यक्ष विक्रम दानू के नेतृत्व में लोगों ने धारचूला पहुंच कर एसडीएम को डीएम के नाम का ज्ञापन सौंपा। जिसमें ग्रामीणों को हो रही समस्याओं को देखते हुए सप्ताह में बंगापानी तहसील कार्यालय में सप्ताह में एक दिन एसडीएम और दो दिन तहसीलदार को बैठने के निर्देश देने की मांग की गई है। ग्रामीणों की मांग नहीं माने जाने पर आचार संहिता के बाद तहसील कार्यालय के सम्मुख आंदोलन की धमकी दी है। वहीं एसडीएम वरु ण अग्रवाल ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।
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