ऐ पाप करने वालो सतधर्म को ना छोड़ो..
पिथौरागढ़ नगर में चल रही सोरगढ़ रामलीला के अंतिम दिन रावण वध और विभीषण राज्याभिषेक का मंचन हुआ।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: नगर में चल रही सोरगढ़ रामलीला के अंतिम दिन रावण वध और विभीषण राज्याभिषेक का मंचन हुआ। देर रात नगर में रावण परिवार के पुतले जलाए गए।
शुक्रवार को रावण के कुंभकर्ण को नींद से जगाने, युद्ध में कुंभकर्ण के मारे जाने, युद्ध में मेघनाद की मृत्यु, सुलोचना के सती होने और अंत में रावण के युद्ध के लिए मैदान में आने और भीषण युद्ध में रावण के मारे जाने का मंचन हुआ। सीता की अग्नि परीक्षा के बाद विभीषण के राज्याभिषेक के साथ रामलीला का समापन हुआ।
शुक्रवार को पुतला कमेटी द्वारा बनाए गए रावण और मेघनाद के पुतले बाजार में घुमाए गए। विभिन्न मार्गो से होकर पुतलों को रामलीला मैदान में लाया गया, जहां देर रात पुतलों को दहन किया गया। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह माहरा ने समापन अवसर पर कहा कि 125 वां आयोजन शानदार रहा। कलाकारों ने कड़ी मेहनत कर पात्रों को जीवंत किया। उन्होंने रामलीला आयोजन में सहयोग के लिए नगरवासियों का आभार जताया।
टकाना क्षेत्र में रामलीला मंचन जारी है। टकाना क्षेत्र के साथ ही हुड़ेती, टकाड़ी, टकौरा, पपदेव आदि गांवों से भी लोग रामलीला देखने के लिए पहुंच रहे हैं। ========= अकबर की अगुवाई में बने पुतले रहे आकर्षण का केंद्र संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: सोरगढ़ रामलीला के लिए पुराना बाजार पुतला कमेटी ने अकबर खान के निर्देश में मेघनाद और रावण के पुतले तैयार किए। अकबर पिछले एक दशक से पुतलों का निर्माण कर रहे हैं। करीब एक पखवाड़े की कड़ी मेहनत के बाद मेघनाद और रावण के पुतले तैयार किए गए। देर सायं पांच बजे पुराना बाजार से पुतले नगर में घुमाए गए। विभिन्न मार्गो से होकर पुतले रामलीला मैदान पहुंचे। पुतले देखने के लिए नगर में जगह-जगह लोगों की भीड़ लगी रही। पुतला तैयार करने में 18 युवाओं ने सहयोग दिया।