चीन-नेपाल सीमा पर सेटेलाइट फोन प्रयोग के मामले बढ़े
पिथौरागढ़ में पिछले तीन वर्षों के दौरान मुनस्यारी तहसील के अंतर्गत दो और धारचूला तहसील के अंतर्गत तीन बार सेटेलाइट फोन उपयोग किए जाने के मामले सामने आए हैं।
पिथौरागढ़, [जेएनएन]: सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील चीन व नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ और आसपास के इलाके में सेटेलाइट फोन प्रयोग का मामला फिर सामने आया है। शुक्रवार को मुनस्यारी तहसील के बुर्फू क्षेत्र में सेटेलाइट फोन उपयोग की सूचना से प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। फोन ट्रेस होने के बाद भी प्रशासनिक तंत्र कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाया। यह भी ज्ञात नहीं हो पाया कि किसने और किस मकसद से सेटेलाइट फोन का प्रयोग किया।
सीमावर्ती क्षेत्र में सेटेलाइट फोन उपयोग किए जाने के मामले लगातार बढ़ने से खुफिया एजेंसियां चिंतित हैं। पिछले तीन वर्षो में चार मामले प्रकाश में आ चुके हैं। विडंबना है कि सेना को छोड़कर किसी भी सुरक्षा एजेंसी के पास सेटेलाइट फोन की लोकेशन ट्रेस करने का कोई इंतजाम नहीं है।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ की सीमा चीन और नेपाल से लगी हुई है। इस सीमा पर पिछले तीन वर्षो के दौरान मुनस्यारी तहसील के अंतर्गत दो और धारचूला तहसील के अंतर्गत तीन बार सेटेलाइट फोन उपयोग किए जाने के मामले सामने आए हैं, हालांकि सेटेलाइट फोन का उपयोग करने वालों का कोई पता नहीं लगा है। पुलिस को सेटेलाइट फोन उपयोग किए जाने की सूचना आइबी से मिलती है।
आइबी को भी यह सूचना लखनऊ से दी जाती है। पुलिस अधीक्षक अजय जोशी का कहना है कि पुलिस के पास अपना कोई ऐसा नेटवर्क नहीं है जिससे सेटेलाइट फोन के उपयोग की जानकारी मिल सके।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि भारत-नेपाल और चीन सीमा पर सक्रिय तस्कर भी सेटेलाइट फोन का उपयोग करते हैं। वन्य जीव जंतुओं की तस्करी के मामले में यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। गुलदार की खाल भारत से नेपाल और नेपाल से भारत लाए जाने के कई मामले पूर्व में प्रकाश में आ चुके हैं। माना जाता है कि तस्करों का यह नेटवर्क चीन तक फैला हुआ है। जहां गुलदार की खाल और हड्डियों की भारी मांग है।
दो वर्ष पूर्व चंपावत में पकड़ा गया था सेटेलाइट फोन
पिथौरागढ़ जिले में ट्रेस होने के बाद भी सेटेलाइट फोन पकड़ा नहीं जा सका है। अलबत्ता चम्पावत जिले में सेटेलाइट फोन एक नेपाली नागरिक से बरामद किया गया था। यही नहीं अल्मोड़ा जिले के सल्ट और रानीखेत में भी ऐसे मामले पकड़ में आ चुके हैं। वर्ष 2009 में सल्ट और रानीखेत में एक विदेशी पर्वतारोही द्वारा सेटेलाइट फोन उपयोग किए जाने की बात सामने आई थी, जबकि दूसरे मामले में फोन का उपयोग करने वाले के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई।
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