विज्ञान विषय की मंजूरी को लेकर क्षेत्रवासी लामबंद
जिले के दूरस्थ विद्यालय सल्ला चिंगरी में विज्ञान विषय की स्वीकृति नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : जिले के दूरस्थ विद्यालय सल्ला चिंगरी में विज्ञान विषय की स्वीकृति नहीं मिलने से क्षेत्र के लोग आक्रोश में हैं। विज्ञान पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को दूरस्थ विद्यालयों में जाना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने नए सत्र से विद्यालय में विज्ञान की कक्षाएं शुरू किए जाने की मांग की है।
सोमवार को सल्ला चिंगरी क्षेत्र में आयोजित बैठक में पूर्व सैनिक शेरी चंद ने कहा है कि नेपाल सीमा से लगे सल्ला चिंगरी राजकीय इंटर कॉलेज में आज तक विज्ञान वर्ग की कक्षाओं के संचालन की स्वीकृति नहीं मिली है। मजबूर विद्यार्थियों को विज्ञान पढ़ने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में जाना पड़ रहा है। अधिक दूरी के चलते विज्ञान पढ़ने की इच्छुक छात्राओं को मजबूरी में कला विषय लेने पड़ रहे हैं। ग्रामीण धनी चंद ने कहा कि विद्यालय में लंबे समय से प्रधानाचार्य का पद रिक्त पड़ा हुआ है। लिपिक नहीं होने से शिक्षकों को ही उनका दायित्व भी संभालना पड़ रहा है। बैठक में मांग की गई कि अप्रैल से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र से पूर्व विज्ञान वर्ग की कक्षाओं के संचालन की स्वीकृति दी जाए। स्वीकृति नहीं मिलने पर क्षेत्रवासी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। बैठक में ग्राम प्रधान राकेश सिंह घटाल, सावित्री देवी, राजेन्द्र चंद सहित तमाम लोग मौजूद थे।
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केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने दिए कार्रवाई के निर्देश पिथौरागढ़: सल्ला चिंगरी राजकीय इंटर कॉलेज में विज्ञान वर्ग की कक्षाएं संचालित करने के लिए मानव संसाधन मंत्री के निजी सचिव वीवीआरसी पुरू षोत्तम ने प्रदेश के उच्च शिक्षा सचिव विनोद कुमार रतूड़ी को पत्र प्रेषित किया है। सामाजिक कार्यकर्ता शेरी चंद ने इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र प्रेषित किया था। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से यह पत्र बीती 19 दिसंबर को जारी हुआ था। मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार जुकरिया ने कहा है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है।