सड़क की गुणवत्त्ता पर उठाए सवाल
संवाद सूत्र, मुनस्यारी: सीमांत में हो रहे निर्माण कार्य हमेशा विवादों में रहते आए हैं। ऐसा ही एक
संवाद सूत्र, मुनस्यारी: सीमांत में हो रहे निर्माण कार्य हमेशा विवादों में रहते आए हैं। ऐसा ही एक मामला धारीधार से तौमिक तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़क का सामने आया है। सड़क निर्माण में सुरक्षा दीवारों में प्रयुक्त हो रही बजरी को लेकर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। अविलंब इसकी जांच कर सुधार नहीं किए जाने पर कार्य रोकने की धमकी दी है।
मुनस्यारी के मदकोट क्षेत्र में बल्थी के निकट धारीधार से तौमिक तक लगभग बीस किमी सड़क पी एमजीएसवाइ के तहत बन रही है। अभी भी सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है। सर्वप्रथम तो ठेकेदार ने सड़ का कार्य पेटी ठेकेदारों को दे दिया है। बताया जा रहा है कि इसमें कमीशन लिया जा रहा है। जिसे लेकर पेटी ठेकेदार कार्य करने से मना कर रहे हैं। जिन स्थानों पर सड़क का निर्माण किया जा रहा है उन स्थानों पर सुरक्षा दीवार निर्माण में जिन गधेरों की बजरी प्रयोग में लाई जा रही है वह गुणवत्त्ताहीन है। स्थानीय लोग अपने निर्माण कार्य में इसका प्रयोग नहीं करते हैं।
गधेरों की बजरी का प्रयोग किए जाने का ग्रामीणों ने विरोध किया , परंतु इसके बाद भी विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीण ठेकेदार के समक्ष भी इस मामले को उठा कर विरोध दर्ज कर चुके हैं । ग्रामीणों का आरोप है कि एक तो गुणवत्त्ताहीन बजरी ऊपर से उसमें मिट्टी मिला कर सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। क्षेत्र के लिए पहली बार सड़क बन रही है यदि इस तरह सड़क बनी तो जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। क्षेत्र के युवा समाजसेवी विक्रम दानू, गौरव सिंह दानू, सुरेंद्र सिंह दानू, मनोहर, विजय सिंह मेहता, नरेंद्र , हीरा देवी ,मथुरा देवी, गीता देवी , जयंती देवी ने इसकी शिकायत तहसील प्रशासन से की है। कार्य की जांच कर गुणवत्त्ता में सुधार नहीं होने पर कार्य रोकने की धमकी दी है।
ग्रामीणों की शिकायत मिली है। स्थल पर जाकर प्रयुक्त सामग्री का परीक्षण किया जाएगा। यदि ग्रामीणों के आरोप सही पाए गए तो कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
विवेक धर्मशक्तू , अवर अभियंता सड़क बनने से किसानों को उत्पाद की बाजार तक होगी पहुंच
सड़क के न जुड़ने से स्थानीय किसानों के उत्पाद को बाजार तक नहीं पहुंच रहा था। अब सड़क हो जाने से आलू, राजमा और सेब उत्पादक गांव सड़क से जुड़ेगे। इससे स्थानीय स्तर पर किसानों को काफी लाभ मिलेगा।