राज्य में 21वीं पशुगणना की तैयारियां शुरू
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: राज्य में 21वीं पशुगणना की तैयारियां शुरू हो गई। जुलाई में शुरू न
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: राज्य में 21वीं पशुगणना की तैयारियां शुरू हो गई। जुलाई में शुरू नहीं हो पाई जनगणना अब नवंबर अंत से होगी और एक माह में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। पहली बार गणना ऑनलाइन होगी।
जनगणना की तरह ही देश में पशुगणना भी की जाती हैं। जनगणना जहां 10 वर्ष में एक बार होती हैं वहीं पशुगणना तीन से पांच वर्ष के बीच कराई जाती है। पशुगणना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर देश में पशुपालन की योजनाओं को अंतिम रू प दिया जाता है।
वर्ष 2018 के जुलाई से पशुगणना होनी थी, लेकिन बरसात के चलते इसे स्थगित करना पड़ा था। अब पशुपालन विभाग ने पशुगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। देहरादून में पशुगणना का पहला प्रशिक्षण भी पूरा हो चुका है। प्रशिक्षण लेने वालों को राज्य के हर जिले में मास्टर ट्रेनर बनाकर भेजा गया है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भी दो मास्टर भेजे गए हैं। यहां भेजे गए मास्टर ट्रेनरों ने गणना के लिए 50 प्रगणकों की तैनाती कर ली है। इन प्रगणकों को लैपटॉप उपलब्ध करा दिए गए हैं। अगले सप्ताह प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। नवंबर अंतिम सप्ताह से गणना का कार्य शुरू हो जाएगा। गणना पहली बार ऑनलाइन होगी। प्रगणक जानवरों का पूरा विवरण अपने लैपटॉप पर दर्ज करेंगे। हर जानवर की होगी गणना
पिथौरागढ़: पशुपालन विभाग हर पालतू जानवर की गणना घर-घर जाकर करेगा। गाय, भैंस, बकरी, कुत्ते, बिल्ली सहित सभी पालतू जानवर गिने जायेंगे। पिथौरागढ़ जिले के आठ विकास खंड बिण, मूनाकोट, कनालीछीना, डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, बेरीनाग और गंगोलीहाट में गणना का कार्य एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। पशु गणना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे जानवरों की सही संख्या और पूरा विवरण सामने आएगा। गणना के बाद पशुपालन महकमा अपनी नीतियां तैयार करेगा। दुग्ध उत्पादन आदि का सीधा संबंध पशुगणना से ही है।
-डॉ.पीके जोशी, उपमुख्य पशुपालन अधिकारी,पिथौरागढ़