हैली सेवा से या्रत्रा कराने का विरोध करेंगे पोनी पोटर्स
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ आगामी कैलास मानसरोवर यात्रा का संचालन विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भ
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: आगामी कैलास मानसरोवर यात्रा का संचालन विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी हैली सेवा से हुआ तो पोनी पोटर्स सड़कों पर उतर जाएंगे। उत्तराखंड पोनी व पोटर्स संगठन ने यात्रा का संचालन हैली सेवा से कराए जाने का तीव्र विरोध करने का एलान किया है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पैदल यात्रा मार्ग को दुरुस्त रखने के लिए अभी से ही हरसंभव प्रयास करने की मांग की है।
वर्ष 2018 में कैलास मानसरोवर यात्रा में पैदल मार्ग खराब होने से यात्रा का संचालन हैली सेवा से किया गया था। जिसका सीधा प्रभाव यात्रा के दौरान यात्रियों का सामान ढोने वाले पोनी व पोटर्स पर पड़ा। छोटा कैलास यात्रा के भी दो ही दल आ पाए थे। पैदल यात्रा मार्ग की दशा बेहद खराब होने के कारण छोटा कैलास की यात्रा भी रोक दी गई थी। दोनों यात्राओं में जाने वाले क्रमश: 1560 व 3576 पोटर्स को खाली हाथ घर बैठना पड़ा। मजदूर पैदल मार्ग ठीक होने का इंतजार करते रहे, मगर पूरी यात्रा का संचालन हैली सेवा से ही किया गया। जिस कारण मजदूर कोई दूसरा काम भी नहीं कर सके।
प्रशासन व कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा इन मजदूरों का पंजीकरण भी किया गया था। कई बार मांग करने के बाद भी अभी तक मजदूरों को बीते साल बेरोजगार रहने की एवज में कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने कहा कि सरकार एक तरफ कहती है कि सीमा पर पलायन होना गंभीर खतरे की घंटी है, वहीं दूसरी तरफ सीमावासियों के लिए रोजगार देने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए पैदल मार्ग तक दुरुस्त नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि पोनी पोटर्स अब चुप नहीं बैठेंगे। यदि यात्रा का संचालन पैदल मार्ग से नहीं हुआ तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मर्तोलिया ने कहा कि इस संदर्भ लोस चुनाव के बाद मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की जाएगी।