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    उत्तराखंड का लाल लद्दाख में चीन सीमा पर बलिदान, पार्थिव शरीर पहुंचते ही घर पर मचा कोहराम

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 04:30 PM (IST)

    उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का एक जवान डयूटी के दौरान लददाख में चीन सीमा पर बलिदान हो गया। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। जवान के बलिदान पर हर कोई दुखी है और परिवार में मातम पसरा हुआ है।

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    बलिदानी की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़। भारत तिब्बत सीमा पुलिस में तैनात निरीक्षक विनीत चंद रजवार डयूटी के दौरान लददाख में चीन सीमा पर बलिदान हो गए । बलिदानी की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।

    आइटीबीपी की 16 वीं बटालियन लददाख में तैनात इंस्पेक्टर / मेडिकल विनीत चंद रजवार मूल निवासी सेरी सुवालेख हाल निवासी जगदंबा कालोनी पिथौरागढ़ की डयूटी के दौरान शहादत हो गई। जिसकी सूचना स्वजनों को मिलने के बाद घर पर कोहराम मच गया। उनका पार्थिव शरीर लददाख से विशेष विमान से दिल्ली लाया गया।

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    दिल्ली से सड़क मार्ग उनके पिथौरागढ़ नगर स्थित जगदंबा कालोनी लाया गया। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। पूर्व सभासद एवं सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश सौन ने स्वजनाें को ढांढस बधाते हुए पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन के अध्यक्ष छवि वर्मा, संरक्षक जगत सिंह सौन सहित अन्य पदाधिकारियों और सीनियर सिटीजल वेलफेयर के सदस्यों पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर अंतिम दर्शन किए।

    वीर सैनिक की पारिवारिक पृष्ठभूमि सैन्य परिवार की रही है । परिवार के बड़े दादा स्व. सूबेदार चंद्री चंद वीर चक्र विजेता रहे हैँ। दादा नायब सूबेदार स्व.भानी चंद ने सेना मैडल प्राप्त किया है। बलिदानी के पिता इंद्र चंद रजवार सेवानिवृत्त डिप्टी कमांडेंट हैं। सरयू ओर रामगंगा नदी के संगम पर रामेश्वर घाट में पिता ओर चाचा सूबेदार महेंद्र चंद ने मुखाग्नि दी । सब इंस्पेक्टर कुंवर सिंह के नेतृत्व में पार्थिव शरीर को घर तक पहुंचाया गया। घाट में 14 वीं बटालियन आइटीबीपी के इंस्पेक्टर गिरीश चंद के नेतृत्व में बलिदानी को अंतिम विदाई दी गई।