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फूलदेई छम्मादेई, दैणी द्वार भर भकार..

संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ पर्वतीय अंचलों में ऋतुओं के अनुसार पर्व मनाए जाते हैं। यह पर्व जहां हम

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 11:36 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 11:36 PM (IST)
फूलदेई छम्मादेई, दैणी द्वार भर भकार..

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पर्वतीय अंचलों में ऋतुओं के अनुसार पर्व मनाए जाते हैं। यह पर्व जहां हमारी संस्कृति को उजागर करते हैं, वहीं पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए हैं। इन्हीं खास पर्व में शामिल फूलदेई पर्व शुक्रवार को चैत्र मास की संक्रांति के अवसर पर वसंत ऋतु के आगमन की खुशी में सीमांत जिले में धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने घर-घर जाकर देहरी पर फूल और चावल अर्पित कर फूलदेई छम्मादेई गीत गाकर सुख समृद्धि की कामना की।

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हिदू परंपरा के अनुसार चैत्र मास से नए साल की शुरू आत होती है। चैत्र मास की संक्रांति को फूलदेई के रू प में मनाया जाता है, जो बसंत ऋतु के आगमन का त्योहार है। इस दिन छोटे-छोटे बच्चे सुबह जल्दी उठकर प्योली, बुरांस, बासिंग आदि जंगली फूलों के अलावा आड़ू, खुमानी, पुलम, सरसों के फूलों को चुनकर लाते हैं और एक थाली या रिगाल से बनी टोकरी में इन्हें चावल के साथ सजाकर बच्चों की टोली घर-घर तक पहुंचती है। पर्व के मौके पर बच्चे फूलदेई छम्मादेई, जदुकै दिछै उदुकै सही, दैणी द्वार भर भकार, यो देली स बारंबार नमस्कार के कर्णप्रिय लोकगीत गाकर सुख-शांति की कामना करते हैं। इसके बदले में परिवार के सदस्यों द्वारा उन्हें चावल, गुड़ व पैसे उपहार स्वरू प दिए जाते हैं। इस पर्व को लेकर बच्चों में खासा उत्साह बना रहता है।

===== भाई-बहन की अनूठी प्रेम की भिटौली परंपरा शुरू

पिथौरागढ़: फुलदेई पर्व के साथ विवाहित बहन-बेटी को भिटौली देने का महीना भी शुरू हो गया है। इस पंरपरा के अनुसार हर भाई या माता-पिता विवाहित बहन-बेटी को भिटौली देने उसके ससुराल जाते हैं। भिटौली में घर में बने व्यंजन खजूर, सिंगल, पूरी, मिठाई, फल, साड़ी व रु पये उपहार स्वरू प दिए जाते हैं। बहन-बेटी द्वारा भिटौली को अपने आसपास पड़ोस में बांटा जाता है। यह परंपरा भाई-बहन के अनूठे प्रेम को दर्शाती है। पहले लोग अपनी बहन-बेटी की कुशलक्षेम जानने के लिए भिटौली के बहाने उसके ससुराल जाया करते थे, मगर अब यह परंपरा विलुप्ति के कगार पर है। अब लोग इंटरनेट के माध्यम से बहन-बेटी को कुछ धनराशि भेज कर रस्म अदायगी कर रहे हैं।


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