गधेरे का पानी पीने को मजबूर वनराजि परिवार के लोग
प्रदेश की एकमात्र आदिम जनजाति वनराजि परिवार के लोग कई दिनों से गधेरे का पानी पीने को मजबूर है।
डीडीहाट, जेएनएन : अस्तित्व को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही प्रदेश की एकमात्र आदिम जनजाति वनराजि को लेकर शासन-प्रशासन की चिंताएं खोखली साबित हो रही हैं। सीमांत जिले के डीडीहाट तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत खेतार कन्याल में वनराजि परिवार लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। नलों में पानी नहीं आने से वनराजि गधेरे के पानी से प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
ग्राम प्रधान महेश कन्याल ने बताया कि पूर्व में आपदा के चलते ग्राम पंचायत की आधा दर्जन पेयजल लाइन ध्वस्त हो गई थी। जिस कारण ग्राम पंचायत के आधा दर्जन तोकों में आपूर्ति ठप हो गई। कन्याल ने कहा कि जलसंस्थान के अधिकारियों को पेयजल लाइन ठीक करने की मांग को लेकर कई बार लिखित व मौखिक रू प से अवगत कराया जा चुका है, मगर अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण मदनपुरी तोक के वनराजि परिवार दो किमी दूर बरसाती नाले से पेयजल आपूर्ति कर रहे हैं। वह भी अब सूखने के कगार पर पहुंच चुका है। वहीं, बसौरा तोक व मौगड़ा तोक के वनराजि परिवार रौतिस नदी से पेयजल आपूर्ति करने को मजबूर हैं। वनराजि परिवारों के सामने मवेशियों के लिए भी पानी जुटाने का भी गंभीर संकट पैदा हो गया है। ग्राम प्रधान ने कहा कि यदि शीघ्र पेयजल लाइनों की मरम्मत कर आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो वनराजि परिवारों को साथ लेकर आंदोलन किया जाएगा।