पैसा न मिलने से गुस्साए लोगों ने काटा हंगामा
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ अनंत निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी से भुगतान नहीं मिलने से नाराज
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: अनंत निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी से भुगतान नहीं मिलने से नाराज एजेंट और ग्राहकों ने गुरुवार को संस्था कार्यालय में जमकर हंगामा काटा। एजेंटों ने प्रबंधक को घेर लिया। सूचना मिलने ही पुलिस मौके पर पहुंची और प्रबंधक को थाने ले आई।
पिछले तीन वर्षो से जनपद में वित्तीय कारोबार कर रही अनंत निधि संस्था ने तमाम लोगों से लाखों रुपये की धनराशि जमा करवाई है। धनराशि जमा करने के लिए एजेंट तैनात किए गए हैं। खाते परिपक्व होने के बाद बचतकर्ताओं ने अपनी धनराशि मांगनी शुरू की तो स्थानीय कर्मचारी एजेंटों और बचतकर्ताओं को टहलाने लगे। इससे बचतकर्ताओं और एजेंटों में संदेह गहराने लगा।
गुरुवार को बड़ी संख्या में एजेंट और बचतकर्ता संस्था के देव सिंह मैदान के निकट स्थित कार्यालय में पहुंच गए। आक्रोशित लोगों ने भुगतान की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। वार्ता को पहुंचे प्रबंधक मोहन सिंह को लोगों ने घेर लिया। इसी बीच स्थानीय अभिसूचना इकाई के माध्यम से कोतवाली पुलिस को सूचना मिली। कोतवाल ओम प्रकाश शर्मा, एलआइयू निरीक्षक केके पाठक मौके पर पहुंच गए। उन्होंने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया। प्रबंधक को पुलिस थाने ले आई। तमाम एजेंट भी थाने पहुंच गए। प्रबंधक ने बताया कि पूर्व में कुछ लोगों को भुगतान किए गए हैं। कोतवाली से ही संस्था के लखनऊ स्थित हेड ऑफिस में तैनात एमडी नितेश श्रीवास्तव को फोन मिलाया गया, लेकिन फोन स्विच ऑफ मिला।
थाना प्रभारी ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस मामले में अभी तक किसी एजेंट या बचतकर्ता की ओर से लिखित तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मामले की जांच की जा रही है। मैनेजर को हिदायत के साथ फिलहाल छोड़ दिया गया है। ========== पूर्व में भी हो चुके हैं इस तरह के कई मामले पिथौरागढ़: लोगों से बचत हासिल कर फरार होने वाली संस्थाओं की जिले में लंबी फेहरिस्त है। इससे पूर्व भी कई संस्थाएं लोगों की गाड़ी कमाई लेकर चंपत हो चुकी हैं। फरार हुई संस्थाओं पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिले में लोगों का करोड़ रुपया इस तरह की संस्थाओं में डूब चुका है। पूर्व में फरार हो चुकी संस्थाओं ने बैंक रेट से दोगुना ब्याज देने या फिर ढाई से तीन वर्ष में ही रकम दोगुना करने का झांसा लोगों को दिया था। ========= स्थानीय लोगों को ही एजेंट बनाती हैं संस्थाएं पिथौरागढ़: स्थानीय लोगों पर विश्वास कायम करने के लिए स्थानीय लोगों को ही एजेंट के तौर पर तैनात किए जाते हैं। इन एजेंटों को शुरू आत में अच्छा कमीशन भी दिया जाता है। स्थानीय होने के कारण एजेंट अपने नाते- रिश्तेदार और परिचितों से बचत लाने में सफल हो जाते हैं और इसी का फायदा ऐसी संस्थाएं उठा लेती हैं। गुरू वार को जिस संस्था को लेकर बवाल हुआ उसके स्थानीय प्रबंधक को भी पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है।