पंत आठ लाएगा पहाड़ में मसूर की खेती में बदलाव
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: राज्य के पहाड़ी जिलों में होने वाली मसूर की खेती में अब पंतनगर विश्वि
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: राज्य के पहाड़ी जिलों में होने वाली मसूर की खेती में अब पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नया बीज बदलाव लाएगा। पिछले दो वर्ष से चल रहा नए बीज का प्रयोग सफल रहा है।
पहाड़ में अभी तक बड़े दाने का मसूर पैदा किया जाता था, जो बीज फसल के लिए उपयोग में लाया जा रहा था उससे उतना बेहतर उत्पाद नहीं मिल रहा पा रहा था। पंतनगर की इकाई कृषि विज्ञान केंद्र मसूर उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रयासरत था। लंबे शोध के बाद पंतनगर विश्वविद्यालय ने मसूर की नई प्रजाति तैयार की है। इसे पंत मसूर आठ नाम दिया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी जितेंद्र क्वात्रा ने बताया कि नई प्रजाति को पिथौरागढ़ जिले के कई क्षेत्रों में प्रयोग के तौर पर लगाया गया था। दो वर्षो से इस पर निगाह रखी जा रही थी। नई प्रजाति से उत्पादन में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है। नई प्रजाति से तैयार मसूर का दाना आकार में छोटा है, लेकिन स्वाद में पिछली प्रजातियों की तुलना में बेहतर है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पिथौरागढ़ जिले में 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नई प्रजाति का बीज लगाया जाएगा। किसानों को यह बीज निशुल्क उपलब्ध होगा। इसके लिए क्षेत्र चयनित कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे इसे पूरे सीमांत जिले में विस्तारित किया जाएगा।