विश्व शांति और तरक्की के लिए गांधी दर्शन से बेहतर कुछ नहीं
पिथौरागढ़ में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष और पिथौरागढ़ गांधी विद्या पीठ के 50 वर्ष पूर होने पर सेमिनार आयोजित हुआ।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष और पिथौरागढ़ गांधी विद्या पीठ के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित दो दिवसीय सेमीनार संपन्न हो गया। दूसरे दिन छह लोगों ने अपने शोध पत्र पढ़े और गांधी दर्शन पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष राजनारायण शुक्ल ने महात्मा गांधी के आंदोलन के जरिये समाज सुधार कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने इन कार्यो के जरिये पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोया। राजस्थान से वर्चुअल माध्यम से सेमीनार में शामिल हुए डा.आरसी झा ने गांधी के सत्य और अहिसा के विचारों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि दुनिया में शांति और तरक्की के लिए गांधी दर्शन सबसे उपयुक्त है। डा.नवीन चंद रजवार ने महात्मा गांधी के पर्यावरणीय चिंतन पर अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में हवा और पानी को लेकर भी आंदोलन चलाया था। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा है और इस पर गंभीरता से विचार की जरू रत है। मोहन चंद्र जोशी ने गांधी के स्त्री शिक्षा और स्वच्छता पर अपनी बात रखी। योगेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय आंदोलन में महिलाओं की भूमिका पर अपनी बात रखते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में गीतकारों की भूमिका का उल्लेख किया। सेमीनार में डा. हेम चंद्र पांडे, इं. सदानंद जोशी ने भी विचार रखे। संचालन जुगल किशोर पांडे, विप्लव भट्ट ने किया। समापन से पूर्व गांधी विद्या पीठ की वेबसाइट लांच के साथ ही पिथौरागढ़ स्मार्ट हिल सिटी पुस्तक का विमोचन किया। जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के सम्मान के साथ संयोजक ललित पंत ने सभी का आभार जताया।