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नहीं हुआ सड़क का सुधारीकरण

संवाद सूत्र, धारचूला: मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी बलुवाकोट-पय्यापौड़ी मोटर मार्ग के सुधा

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:58 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:58 PM (IST)
नहीं हुआ सड़क का सुधारीकरण

संवाद सूत्र, धारचूला: मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी बलुवाकोट-पय्यापौड़ी मोटर मार्ग के सुधारीकरण का कार्य प्रारंभ नहीं होने से क्षेत्र की जनता आक्रोशित है। चुनावों से पूर्व सुधारीकरण का कार्य प्रारंभ नहीं होने पर दस हजार से अधिक की आबादी ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है।

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पूर्व जिपं सदस्य भूपेंद्र थापा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता लोनिवि अस्कोट से भेंट कर पत्र सौंपा। ग्रामीणों का कहना था कि नवंबर 2017 को जौलजीवी मेले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बलुवाकोट-पय्यापौड़ी मार्ग के सुधारीकरण की घोषणा की थी। चौदह माह बीतने के बाद भी लोनिवि द्वारा सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। सड़क की हालत बेहद दयनीय है। सड़क पर बने असंख्य गड्ढों के चलते वाहन दुघर्टनाग्रस्त होते रहते हैं। सड़क होने के बाद भी क्षेत्र की जनता पैदल चलने को मजबूर है।

ईई लोनिवि को चुनाव से पूर्व सीएम की घोषणा के अनुसार सुधारीकरण और डामरीकरण कराने की मांग की गई। ऐसा नहीं होने पर क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों की जनता द्वारा लोस चुनावों के बहिष्कार की धमकी दी गई। ईई से मिलने वालों में पय्यापौड़ी के ग्राम प्रधान बंशी राम, बीडीसी सदस्य किशन सिंह, लाल सिंह थापा, महिला मंगल दल अध्यक्ष हीरा देवी, मोहन सिंह रेखौला, उम्मेद सिंह ऐरी, लक्ष्मण सिंह थापा, दुर्गा सिंह बोरा आदि शामिल थे।

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सड़क की निविदा तत्काल लगाने की मांग

- रांथी की पंद्रह हजार की आबादी को झटका

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: धारचूला तहसील के अंतर्गत आने वाली जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत रांथी को सड़क के नाम पर झटका लगा है। नाबार्ड के धन से छह किमी मार्ग निर्माण के बाद नाबार्ड से हटा दिए जाने से जनता गुस्से में है। अभी तक एक सुरक्षित मार्ग नहीं मिलने से जनता अपने का ठगा महसूस कर रही है।

रांथी ग्राम पंचायत काली नदी किनारे से लेकर छिपलाकोट पर्वतमाला तक फैली है। जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। इस ग्राम पंचायत के अंतर्गत एक दर्जन से अधिक तोक और राजस्व गांव हैं। जिनकी जनसंख्या पंद्रह हजार है। गांव के लिए टनकपुर तवाघाट हाईवे में दोबाट से एक मार्ग बना है जो एलवीआर मार्ग था। बाद में इसको चौड़ा किया गया परंतु केवल नाम का ही चौड़ा हुआ है। मार्ग में पांच साल के भीतर वाहन दुघर्टनाओं में 22 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह मार्ग रांथी के मात्र एक तोक गांव को ही जोड़ता है।आम वाहन चालक इस मार्ग से चलने से कतराते हैं। जिसे देखते हुए धारचूला के निकट से नाबार्ड से मिली धनराशि से 22 किमी सड़क मार्ग स्वीकृत हुई। इसके लिए टेंडर लगने के बाद छह किमी सड़क की कटिंग का कार्य भी हो गया। बीते कई माहों से कार्य बंद है। इधर पता चला है कि यह कार्य नाबार्ड से हटाया गया है। इसकी भनक लगते ही ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। समाज सेवी केशर सिंह धामी का कहना है कि छह किमी सड़क कटने के बाद इस तरह का कृत्य 15 हजार की आबादी के साथ विश्वासघात है। जनता इसे सहन नहीं करेगी।

ग्राम प्रधान लीला धामी ने मुख्य अभियंता उत्तराखंड ग्रामीण विकास विभाग को पत्र भेजा है। जिसमें सारी स्थिति से अवगत कराते हुए क्षेत्र की जनता की सुविधा को देखते हुए तत्काल सड़क की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि जनता अब सड़क का कार्य रोके जाने को सहन करने वाली नहीं है।


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