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जौलजीवी मेले की तैयारियों में जुटा नेपाल

संवाद सूत्र, जौलजीवी: भारत और नेपाल की साझी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक जौलजीवी मेला इस वर्ष

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 11:03 PM (IST)
जौलजीवी मेले की तैयारियों में जुटा नेपाल
जौलजीवी मेले की तैयारियों में जुटा नेपाल

संवाद सूत्र, जौलजीवी: भारत और नेपाल की साझी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक जौलजीवी मेला इस वर्ष विशेष होगा। भारत के साथ ही नेपाल में भी इस मेले का भव्य उद्घाटन होगा। मंगलवार को नेपाल में हुई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक में मेले को भव्य रू प देने के लिए खाका खींचा गया।

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काली और गोरी नदी के संगम पर स्थित जौलजीवी में मेले की शुरू आत 1914 में हुई थी। दोनों देशों की साझी संस्कृति के प्रतीक इस मेले का मुख्य आयोजन अब तक भारतीय क्षेत्र में ही होता आया है। दोनों देशों में दुकानें सजती हैं, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भारत में होता आया है। इस वर्ष पहली बार नेपाल ने भी मेले को भव्य रू प में आयोजित करने का निर्णय लिया है। भारतीय क्षेत्र में मेले की तैयारियों के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक हो चुकी है। नेपाल में मंगलवार को बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में नेपाल में भी सांस्कृतिक आयोजन, स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने आदि को चर्चा हुई। तय हुआ की पुराना लीसा फैक्ट्री के पास मुख्य आयोजन होगा। मेले में भारत से सांस्कृतिक दलों को बुलाने पर भी चर्चा हुई। मेले का शुभारंभ दोनों देशों में 15 नवंबर को होगा। नेपाल के लोगों में पहली बार हो रहे आयोजन को लेकर खासा उत्साह है। दो देशों में होने वाले इस एक मेले को लेकर दोनों देशों की जनता में खासा उत्साह है। इस आयोजन से दोनों देशों के कारोबार में भी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। सीएम को आमंत्रित करने देहरादून पहुंचे जौलजीवी वासी जौलजीवी: जौलजीवी मेले के लिए मुख्यमंत्री को आमंत्रित करने के लिए सामाजिक कार्यकत्री लीला बनग्याल की अगुवाई में क्षेत्रवासियों का शिष्टमंडल देहरादून पहुंच गया है। मंगलवार को शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें मेले के आमंत्रण दिया। जौलजीवी मेले का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री के हाथों होने की ही परंपरा रही है।


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