नेपाल सीमा पर रोड नहीं तो वोट नहीं की गूंज
संवाद सूत्र, तीतरी: भारत नेपाल सीमा पर लगभग 15 वर्ष पूर्व बन चुकी जौलजीवी -तल्लाबगड़ मोटर मार्ग बदह
संवाद सूत्र, तीतरी: भारत नेपाल सीमा पर लगभग 15 वर्ष पूर्व बन चुकी जौलजीवी -तल्लाबगड़ मोटर मार्ग बदहाल है। प्रतिवर्ष लखनपुर के पास विशाल बोल्डर गिरने से सड़क संकरी हो चुकी है। वाहनों में सफर करने के दौरान लोगों की जान हलक में आ जाती है। बार-बार सड़क सुधार की मांग अनसुनी होने से अब नेपाल सीमा से लगे सात ग्राम पंचायतों की जनता ने अगले वर्ष होने वाले पंचायती चुनावों से किनारा करने का फैसला किया है।
यह सड़क लोनिवि अस्कोट के तहत आती है। अस्कोट का लोनिवि प्रांतीय खंड कार्यालय यहां से मात्र 12 किमी की दूरी पर है। अस्कोट तक का सफर मात्र आधे घंटे में होता है। सड़क की दुर्दशा सुधारने के लिए तीन माह बीतने के बाद भी लोनिवि अधिकारी यहां नहीं पहुंचे हैं। प्रतिवर्ष साल के छह माह इस तरह की समस्या झेलने वाले बगड़ीहाट से लेकर डौड़ा तक की सात ग्राम पंचायतों की जनता में रोष है। बीते वर्षो में किया डामर पूरी तरह उखड़ गया है। बीते मानसून काल में लखनपुर, फल्याटीगांव , बगड़ीगांव और सुनखोली के पास मार्ग खतरनाक बना है। मजबूरी में ग्रामीण इसी मार्ग से सफर कर रहे हैं।
सीमा पर रहने वालों को सीमा प्रहरी तो कहा जाता है परंतु उनके दर्द के निवारण के लिए कोई प्रयास नहीं होते हैं। अनेकों समस्याओं से जूझ रहे क्षेत्र के लोगों को चलने भर सुरक्षित मार्ग तक नसीब नहीं होता है।
लक्ष्मण सिंह धामी उप्रपधान फोटो फाइल: 17 पीटीएच 03
जब से सड़क बनी तभी से समस्या बनी है। कभी बरसात परेशान करती है तो ऊपर से सड़क से लगभग सौ मीटर ऊपर हाईवे सुधार का मलबा डाल कर सड़क को बंद दिया जाता है। ग्रामीणों की पुकार शोर में गुम हो जाती है। हमारे पास केवल वोट का अधिकार है अब उसका बहिष्कार कर ही अपनी आवाज सत्त्ता के गलियारे तक पहुंचा सकते हैं। गणेश कुमार, वाहन चालक
फोटो फाइल: 17 पीटीएच 04
सीमा क्षेत्र के लिए बीएडीपी जैसी योजना चलती है। इसके बाद भी सीमा पर हाल नहीं सुधरते हैं। सीमा क्षेत्र में विकास के नाम पर बिना शिक्षकों के विद्यालय, जानलेवा सड़कें , संचार विहीनता पुरस्कार के रू प में मिलती है। अब जनता इसे सहन करने वाली नहीं है।
प्रताप सिंह , पोस्टमैन
फोटो फाइल: 17 पीटीएच 05
मार्ग जब से बना तभी से खराब है। सुधार के नाम पर महज खाना पूर्ति की जाती है। बरसात में मार्ग कई माह तक बंद रहता है। विभाग जब खोलता है तो केवल मलबा हटा दिया जाता है। लखनपुर के पास सड़क इस कदर संकरी हो चुकी है जिससे लोग वाहन से चलने से भी डरने लगे हैं।
जानकी धामी, वार्ड मेंबर
फोटो फाइल: 17 पीटीएच 06