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600 से अधिक टैक्सियों का संचालन, यात्री हलकान

संवाद सहयोगी पिथौरागढ ़ टैक्सी निजी ट्रक और प्राइवेट बसों की हड़ताल का सीमांत जिले में खास

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 01:26 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 01:26 AM (IST)
600 से अधिक टैक्सियों का संचालन, यात्री हलकान
600 से अधिक टैक्सियों का संचालन, यात्री हलकान

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ ़: टैक्सी, निजी ट्रक और प्राइवेट बसों की हड़ताल का सीमांत जिले में खासा असर रहा। नब्बे फीसद से अधिक यातायात व्यवस्था ठप रहने से हजारों यात्री प्रभावित हुए। स्कूल बसें नहीं चलने से काफी संख्या में छात्र स्कूल नहीं जा सके। सब्जी, दूध आदि की आपूर्ति भी बाधित रही। कई यात्रियों को अपनी यात्राएं स्थगित करनी पड़ी। टैक्सियां नहीं चलने से बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। जिले भर में दो करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।

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सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में 600 से अधिक टैक्सियों का संचालन हर रोज होता है। 50 से अधिक ट्रक यूपी और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों से माल लेकर पिथौरागढ़ पहुंचते हैं। एक दिन की हड़ताल के चलते टैक्सियों, ट्रक और निजी बसों का संचालन पूरी तरह ठप रहा। जिले की विभिन्न तहसीलों से जिला मुख्यालय आने वाली टैक्सियां मुख्यालय नहीं आई और नहीं मुख्यालय से टैक्सियां अन्य स्थानों को रवाना नहीं हुई। टैक्सी स्टैंडों में सन्नाटा पसरा रहा। बता दें जिले में रोडवेज की सेवाएं नाममात्र की हैं। लंबी दूरी की यात्राओं को छोड़ दें तो जिले के आंतरिक मार्गो पर रोडवेज के इक्का-दुक्का वाहन ही संचालित होते हैं। टैक्सियों का संचालन नहीं होने से रोडवेज की बसें पैक रही। पहले ही बसों की कमी से जूझ रही रोडवेज जनपद में कोई अतिरिक्त बस नहीं चला सका। जरू री काम से मुख्यालय आने वाले लोग निजी वाहनों में लिफ्ट मांगकर मुख्यालय पहुंचे तो कई लोगों ने दुपहिया वाहनों पर लंबी-लंबी यात्राएं की।

नए यातायात नियमों में भारी जुर्माने के प्राविधान का विरोध का कर रही टैक्सी यूनियनों ने केमू की बसों का संचालन भी नहीं होने दिया। हालांकि केमू हड़ताल में शामिल नहीं था। टैक्सी यूनियनों को जैसे ही पिथौरागढ़ से केमू बसों के संचालन की जानकारी मिली। यूनियन के सदस्य केमू स्टेशन पहुंच गए और यात्री ले जाने का विरोध किया। इससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई। केमू संचालक थाने पहुंच गए। पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक तमाम यात्री घरों को लौट गए। बाद में केमू की बसें बगैर यात्रियों को लिए ही हल्द्वानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर आदि शहरों के लिए रवाना हो गई। यात्रियों को मार्ग से वाहनों में बैठाया गया। टैक्सियां नहीं चलने से बाजारों में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। पेट्रोल पंप सूने पड़े रहे। बीमार लोग परिचितों से वाहन की मदद लेकर अस्पताल पहुंचे।

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बंद रहे जिला मुख्यालय के निजी विद्यालय

पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय के अधिकांश विद्यालय बसों का संचालन नहीं होने के चलते बंद रहे। विद्यार्थियों को देर रात ही विद्यालय बंद रहने की सूचना दे दी गई थी। कई विद्यालयों को आज से शुरू हो रही अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षाएं टालनी पड़ी। बता दें निजी विद्यालयों में जिला मुख्यालय के साथ ही आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी पढ़ाई के लिए आते हैं।

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रोडवेज से पहुंचे यात्रियों को भी झेलनी पड़ी दिक्कत

पिथौरागढ़ : दिल्ली, देहरादून, लखनऊ आदि शहरों से रात भर का सफर का जिला मुख्यालय पहुंचे यात्रियों को जनपद के विभिन्न दूरस्थ स्थानों पर जाने के लिए वाहन नहीं मिले। श्राद्ध पक्ष नजदीक होने के चलते तमाम लोग बड़े शहरों से अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। दिल्ली से परिवार सहित पिथौरागढ़ पहुंचे यात्री मनोज जोशी ने बताया कि उन्हें डीडीहाट जाना था, लेकिन टैक्सियों का संचालन नहीं होने के कारण उन्हें मुख्यालय में ही होटल लेना पड़ रहा है। देहरादून से आए झूलाघाट निवासी कमल चंद भी मुख्यालय में ही फंसे रहे।

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दूध और सब्जी उत्पादकों को झेलना पड़ा नुकसान

पिथौरागढ़ : जिला मुख्यालय के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र बांस, चंडाक, गुरना, बिसाड़, थरकोट, बलकोट आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण दूध और सब्जियां लेकर टैक्सियों से जिला मुख्यालय आते हैं, टैक्सियों का संचालन बंद होने से उत्पाद अपना उत्पादन बाजार नहीं ला सके। करीब 300 से अधिक किसान हड़ताल के चलते प्रभावित हुए।


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