बेरीनाग सीएचसी पर दो जिलो का भार और अव्यवस्थाएं की भरमार
प्रदीप महरा, बेरीनाग: फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आने के बाद एक और हकीकत सामने आई है। दो
प्रदीप महरा, बेरीनाग: फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आने के बाद एक और हकीकत सामने आई है। दो वर्ष पूर्व पीएचसी से सीएचसी बनाए गए बेरीनाग अस्पताल को आज भी पीएचसी मानकों का ही बजट मिल रहा है। दो जिलों के मरीजों की जिम्मेदारी संभाल रहे इस अस्पताल में आज भी मानकों के अनुसार चिकित्सक नहीं हैं।
फूड प्वाइजनिंग के बाद उमड़ी पीड़ितों की भीड़ ने पहाड़ में चिकित्सा व्यवस्था की एक बार फिर कलई खोल कर रख दी। पीड़ितों को वार्डो के साथ ही बरामदे, चिकित्सक कक्ष, प्रयोगशाला में लिटाना पड़ा। एक बेड पर चार-चार मरीज रखने के बाद भी व्यवस्थाएं छोटी पड़ गई। नगर के लोगों के सेवा भाव के चलते मरीजों को तमाम सुविधाएं मिल गई। मरीजों को सरकार के भरोसे छोड़ दिया जाता तो होने वाली मौतों का आंकड़ा कहीं अधिक हो सकता था।
दो वर्ष पूर्व बेरीनाग प्राथमिक स्वास्थ केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का दर्जा दिया गया था, लोगों को उम्मीद थी कि सीएचसी के मानकों के अनुसार अब यहां नौ चिकित्सकों की तैनाती हो जाएगी, लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरी व्यवस्था एक प्रभारी चिकित्साधिकारी और दो संविदा चिकित्सकों के भरोसे है। अस्पताल को मिलने वाला बजट आज भी प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के मानक से ही मिल रहा है। बेरीनाग की 50 हजार की आबादी के साथ ही बागेश्वर जनपद के 50 से अधिक गांवों के लिए चिकित्सा सुविधा के लिए यही एकमात्र अस्पताल है। फूड प्वाइजनिंग की घटना से सबक लेते हुए सरकार से सीएचसी को संयुक्त चिकित्सालय का दर्जा देने के साथ ही यहां अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग क्षेत्रवासियों ने उठा दी है। चिकित्सालय कर्मियों को सम्मानित करने की मांग बेरीनाग: फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों के उपचार में दिन रात एक करने वाली बेरीनाग चिकित्सालय की पूरी टीम को सम्मानित किए जाने की मांग क्षेत्रवासियों ने की है। क्षमता से 20 गुना अधिक मरीजों की सेवा में जुटी रहने वाली टीम ने न रात देखा और नहीं दिन। चिकित्सा कर्मियों की मेहनत से ही कई जिंदगियां बच सकी। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.सिद्धार्थ पाटनी ने कहा कि स्टाफ ने अपना दायित्व पूरा किया। उन्होंने नगरवासियों से मिले सहयोग के लिए आभार जताया। उपचार कराकर लौटे आठ पीड़ितों की हालत फिर बिगड़ी, हल्द्वानी रवाना बेरीनाग: कांडा सीएचसी से उपचार करा कर मंगलवार को घर लौटे आठ मरीजों की हालत रात में फिर खराब हो गई। गांव के अर्जुन सिंह, देवकी देवी, चंपा देवी, लीला, रू पा, करम सिंह, हरू ली देवी, हंसी देवी को उनके परिजन प्राइवेट वाहन से हल्द्वानी ले गए। गांव पहुंचे कई लोग अभी भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं। कई पीड़ित प्राइवेट अस्पतालों से उपचार ले रहे हैं।