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खलिया टाप को भी औली की तरह संरक्षण की दरकार

उत्तराखंड में दो ही स्थान हैं जहां स्नो स्कीइंग की अच्छी संभावनाएं हैं इनमें एक गढ़वाल के औली में है तो दूसरा कुमाऊं के मुनस्यारी स्थित खलिया टाप है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 11:09 PM (IST)
खलिया टाप को भी औली की तरह संरक्षण की दरकार
खलिया टाप को भी औली की तरह संरक्षण की दरकार

संवाद सूत्र, मुनस्यारी : उत्तराखंड में दो ही स्थान हैं जहां स्नो स्कीइंग की अच्छी संभावनाएं हैं, इनमें एक गढ़वाल के औली में तो दूसरा कुमाऊं के मुनस्यारी में हैं। औली को दी गई सुविधाओं से यह क्षेत्र तो अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर आ गया है, लेकिन मुनस्यारी में आज भी स्कीइंग के लिए ठोस पहल तक नहीं हो पाई है। स्थानीय स्तर पर सीमित साधनों से स्कीईंग का प्रशिक्षण भर दिया जाता है।

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हिमनगरी मुनस्यारी पिथौरागढ़ जिले का प्रमुख पर्यटक स्थलों में शामिल है। जिले में पर्यटन के नाम पर पर्यटक मुनस्यारी ही पहुंचते हैं। दो दशक पूर्व उत्तर प्रदेश में रहने के दौरान खलिया टाप को स्कीईंग स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनी थी। तत्कालीन महानिदेशक पर्यटन एसएस पांगती ने इसका सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि खलिया में स्नो स्कीईंग के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थितियां हैं। इधर यूपी से अलग हुए भी 20 वर्ष बीत चुके हैं परंतु खलिया को स्कीईंग स्थल नहीं बनाया जा सका है। सरकार ने अभी तक इस क्षेत्र के लिए कोई सुविधाएं मयस्सर नहीं कराई। अच्छी बर्फवारी होने पर ही यहां स्कीइंग संभव हो पाती है, जबकि औली में एकबार बर्फवारी होने पर यहां लंबे समय तक स्कीइंग के इंतजाम सरकार ने कर रखे हैं। वर्तमान में कुमाऊं मंडल विकास निगम यहां स्कीइंग प्रशिक्षण देने की औपचारिकताएं पूरी कर रहा है।

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खलिया टाप की विशेषता

- खलिया तक आवाजाही सुगम

- दिसंबर से अप्रैल व मई प्रथम सप्ताह तक रहती है बर्फ

- स्कीईंग के मानकों के अनुरु प ढलान

- खलिया से नीचे बिटलीधार तक स्नो स्कीईंग संभव

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केएमवीएन ने वर्ष 1991 से बिटलीधार में स्नो स्कीईंग प्रारंभ की थी। प्रतिवर्ष हिमपात के बाद केएमवीएन के साहसिक पर्यटन के तहत यहां पर स्नो स्कीईंग कराई जाती है। बिटलीधार खलिया में बीते दिनों स्नो स्कीईंग का प्रशिक्षण सफल रहा है। खलिया को यदि स्नो स्कीईंग के रूप में विकसित किया जाए तो इस सर्वश्रेष्ठ स्थल साबित होगा।

-दिनेश गुरु रानी, प्रबंधक साहसिक पर्यटन केएमवीएन


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